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दिलावर बोले- CM के यहां पैसों का कोई पेड़ नहीं:शिक्षामंत्री ने परीक्षा फीस बढ़ोतरी को गुटखे से जोड़ा; विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप


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दिलावर बोले- CM के यहां पैसों का कोई पेड़ नहीं:शिक्षामंत्री ने परीक्षा फीस बढ़ोतरी को गुटखे से जोड़ा; विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप

दिलावर बोले- CM के यहां पैसों का कोई पेड़ नहीं:शिक्षामंत्री ने परीक्षा फीस बढ़ोतरी को गुटखे से जोड़ा; विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप

जयपुर : राज्य स्तर पर हो रही अर्द्धवार्षिक परीक्षा के शुल्क को लेकर निजी स्कूल संचालक और शिक्षा विभाग आमने सामने हैं। निजी स्कूल संचालकों ने शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया है। उनका कहना है कि पहले अर्द्धवार्षिक परीक्षा का शुल्क प्रति विद्यार्थी 6 रुपए लिया जा रहा था, अब विभाग ने प्रति विद्यार्थी 20 रुपए कर दिया है।

जो पेपर 5 रुपए में छप जाए, उसके 20 रुपए लेकर विभाग भ्रष्टाचार कर रहा है। स्कूल संचालकों ने बढ़ा शुल्क देने से इंकार कर दिया है। उधर, शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने शुल्क बढ़ोतरी को सही ठहराते हुए कहा कि शुल्क इतना ही है जितना तो लोग एक दिन में गुटखा खा जाते हैं। अगर वह एक दिन गुटखा नहीं खाए तो शुल्क का काम हो जाएगा।

परीक्षा फीस में बढ़ोतरी का पैमाना क्या है इसको लेकर विभाग की और से स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
परीक्षा फीस में बढ़ोतरी का पैमाना क्या है इसको लेकर विभाग की और से स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

इस बार विभाग अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा के पेपर राज्य स्तर पर तैयार करा रहा है। इसमें प्रति विद्यार्थी एक परीक्षा के लिए 20 रुपए का शुल्क तय किया गया है। यानी अगर कोई विद्यार्थी दोनों परीक्षा देता है तो उसका शुल्क 40 रुपए होगा।

पिछले साल तक यह परीक्षा जिला स्तर पर होती थी और जिला समान प्रश्न पत्र योजना के तहत एक परीक्षा का शुल्क 6 रुपए और दोनों परीक्षा के लिए शुल्क 10 रुपए तय था।

गौरतलब है कि इस बार विभाग ने 6 रुपए के शुल्क को 20 रुपए और 10 रुपए के शुल्क को 40 रुपए कर दिया है। निजी स्कूल संचालक इसी बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं।

पैसा तो जनता से ही आना है

पेपर का पैसा लेना कोई बुरा नहीं है। पैसा जनता से ही आना है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के यहां पैसे का पेड़ नहीं लगा है। जिसको ज्यादा लगता है वह एक दिन गुटखा छोड़ दे, उसी से काम हो जाएगा।

– मदन दिलावर, शिक्षामंत्री

हमने पेपर छापने वाली एजेंसी से बात की तो वह 5 रुपए में पेपर छापने के लिए तैयार है। पिछली बार एक परीक्षा के 6 और दोनों के 10 रुपए लिए जा रहे थे। विभाग 20 रुपए क्यों मांग रहा है?

– अनिल शर्मा, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा परिवार

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