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जिस देवर की नौकरी के लिए धरना दिया,उसने करोड़ों हड़पे:शहीद की पत्नी ससुरालवालों के खिलाफ थाने पहुंची, बोलीं- गाड़ी से कुचलवाने की कोशिश की


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जिस देवर की नौकरी के लिए धरना दिया,उसने करोड़ों हड़पे:शहीद की पत्नी ससुरालवालों के खिलाफ थाने पहुंची, बोलीं- गाड़ी से कुचलवाने की कोशिश की

जिस देवर की नौकरी के लिए धरना दिया,उसने करोड़ों हड़पे:शहीद की पत्नी ससुरालवालों के खिलाफ थाने पहुंची, बोलीं- गाड़ी से कुचलवाने की कोशिश की

जयपुर : पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश लांबा की वीरांगना मंजू लांबा ने देवर और सास-ससुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। वीरांगना का आरोप है कि पति के शहीद होने पर जिस देवर के लिए सरकारी नौकरी के लिए धरने पर बैठी, उसने ही धोखा देकर करोड़ों रुपए हड़प लिए। जान से मारने के लिए ससुरालवालों ने मानसिक-शारीरिक रूप से टॉर्चर किया। हरमाड़ा पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

पुलिस ने बताया- लोहामंडी रोड माचडा निवासी मंजू लांबा (28) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में बताया- 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में पति रोहिताश लांबा शहीद हो गए थे। पति के शहीद होने के बाद 2 महीने के बेटे के साथ अकेली रह गई। बेटा अब 5 साल का हो चुका है। पति के शहीद होने पर सीआरपीएफ, राज्य-केंद्र सरकार और अन्य ट्रस्ट-फाउंडेशन से बैंक अकाउंट्स में 5 करोड़ रुपए जमा करवाए गए थे।

वीरांगना मंजू का आरोप है कि सास घीसी देवी, ससुर बाबूलाल और देवर जितेंद्र लांबा ने उनके साथ विश्वासघात किया। साल-2019 से 2022 तक बैंक अकाउंट से खाली चेकों पर साइन करवाकर पूरे रुपए निकाल लिए। बैंक अकाउंट में भी उसका मोबाइल नंबर हटवाकर देवर जितेंद्र लांबा ने अपना मोबाइल नंबर ऐड करवा दिया। इसके कारण बैंक अकाउंट में हो रहे रुपए ट्रांसफर का मैसेज नहीं आया। बिना मेरी सहमति के बैंक अकाउंट में नॉमिनी बेटे का नाम हटाकर देवर ने खुद का नाम लिखवा लिया।

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में रोहिताश लांबा शहीद हो गए थे।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में रोहिताश लांबा शहीद हो गए थे।

आधा प्लॉट देवर ने अपने नाम कर लिया अप्रैल-2022 में उसे रामपुरा डाबरी में 505 वर्गगज का प्लॉट दिलाया। रजिस्ट्री करवाते समय धोखे से आधा प्लॉट देवर जितेंद्र ने अपने नाम करवा लिया। इस बारे में पता चलने पर विरोध किया। ससुरालवालों ने शारीरिक और मानसिक टॉर्चर करना शुरू कर दिया।

आरोप है कि देवर जितेंद्र लांबा ने मारने के उद्देश्य से 5 जुलाई 2024 को परिचित से कहकर गाड़ी से टक्कर मरवाई। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने पर घर पहुंची। अलमारी में रखे गहने-डॉक्युमेंट नहीं मिले। जून-2024 में आमेर में अलग रहने लगी। सितंबर-2024 में ससुरालवालों के जानलेवा हमला करने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

मंजू समेत तीन वीरांगनाओं ने मार्च 2023 में मुंह में घास (दूब) लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
मंजू समेत तीन वीरांगनाओं ने मार्च 2023 में मुंह में घास (दूब) लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

देवर बोला- भाभी दूसरी शादी कर विदेश जाना चाहती है

देवर जितेंद्र लांबा ने बताया- भाई की मौत के बाद से ही भाभी अलग रह रही है। शाहपुरा के गोविंदपुरा बासड़ी में मैं अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ रह रहा हूं। गांव में आकर भाभी मंजू अक्सर झगड़ा करती है। इसी कारण हमने घर में कैमरे भी लगवा रखे हैं। टॉर्चर करने का एकमात्र कारण दूसरी शादी कर विदेश जाना है। हमारे खिलाफ जो मुकदमा दर्ज करवाया है, उसकी जांच हो जाएगी। दोषी पाए जाते है तो जेल भेज देना। अभी हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाए।

देवर की जॉब के लिए पायलट के घर के बाहर धरना दिया था

पीड़ित वीरांगना का आरोप है कि पुलवामा हमले में पति के शहीद होने पर सचिन पायलट के बंगले के बाहर देवर जितेंद्र लांबा की सरकारी जॉब के लिए धरना दिया था। उसी देवर ने विश्वासघात कर धोखे से उसके बैंक अकाउंट से सारे रुपए निकाल लिए।

बता दें कि मंजू समेत तीन वीरांगना मार्च 2023 में सचिन पायलट के घर के बाहर धरने पर बैठी थीं। तीनों ने मुंह में घास (दूब) लेकर अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था। सीएम हाउस की तरफ जाने की कोशिश की थी। वीरांगनाओं के साथ तत्कालीन राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी कूच में शामिल थे। इसमें मंजू की मांग थी कि उसके देवर को सरकारी नौकरी दी जाए।

SHO (हरमाड़ा) उदयभान ने बताया- पीड़िता मंजू लांबा की शिकायत मिलने पर FIR दर्ज कर ली गई है। उन्होंने अपने सुसरालवालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। मामले की जांच की जा रही है।

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