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कभी दस हजार से ज्यादा थे नियमित कर्मचारी


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कभी दस हजार से ज्यादा थे नियमित कर्मचारी

केसीसी में कर्मचारियों की नियमित भर्ती हो तो बढ़ जाए ताम्बे का उत्पादन

खेतड़ीनगर : हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की केसीसी इकाई में कामगारों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। अब खनन का अधिकतर कार्य ठेका कर्मचारियों से करवाया जा रहा है, नियमित कामगारों की संख्या करीब 516 रह गई है। 2008 से पहले केसीसी इकाई में कर्मचारियों की संख्या करीब 10 हजार से ज्यादा थी। कर्मचारी हर साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन नई भर्ती नहीं हो रही।

केसीसी इकाई में अधिकतर कार्य ठेका कर्मचारियों से ही करवाया जाता है। ठेकेदारों की संख्या 41 के लगभग है। यहां अलग-अलग कंपनियों द्वारा खनन व अन्य कार्य करवाया जा रहा है। केसीसी इकाई में महज दो प्लांट में ही कार्य हो रहा है। कंपनी में 200 के करीब अधिकारी कार्यरत हैं वही 316 कामगार स्थाई कार्यरत हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि नियमित भर्ती हो तो फिर से केसीसी में चहल-पहल के साथ उत्पादन भी बढ़ सकता है। क्योंकि यहां अभी भी कई साल का ताम्बा मौजूद है।

ठेका कर्मचारियों को वेतन कम

एचसीएल की केसीसी इकाई में खनन का अधिकतर कार्य ठेका कर्मचारियों से करवाया जाता है। उन्हें सरकार का न्यूनतम वेतन 526 से 1030 रुपए प्रतिदिन दिया जाता है। कर्मचारियों की भी चार श्रेणियां बनाई गई है। अकुशल, अर्ध कुशल, कुशल व उच्च कुशल की श्रेणियां बनाई हुई है जिसमें सरफेस के लिए अलग व अंडरग्राउंड के लिए अलग वेतन दिया जाता है इनको न्यूनतम वेज वेतन के अलावा 8.33 फीसदी बोनस मिलता है। साथ ही प्रति कैंटीन अलाउंस भी प्रदान किया जाता है। खनन कार्य करने वाले ठेका कर्मचारियों को खदान में जाने से पहले जूते, बेल्ट, टोपी, हाथ दस्ताने व दस्त के कार्य करने वाले कर्मचारियों को मास्क दिए जाते हैं। वर्तमान में केसीसी ने ठेका कर्मचारियों के लिए साल में दो ड्रेस देने की भी घोषणा की गई है।

उच्च तकनीक के प्लांट जरूरी

केसीसी के ठेका कर्मचारियों के लिए समान काम समान वेतन के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में भी अपील की हुई है। केटीएसएस महासचिव बिडदूराम सैनी ने बताया कि यूनियन द्वारा हर कर्मचारी के हितों के लिए उप मुख्य श्रम आयुक्त अजमेर के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की हुई है जो कि विचाराधीन है। उनका कहना है कि नियमित कर्मचारियों की भर्ती हो नए सिर से उच्च तकनीक के प्लांट लगें तो भारत ताम्बे में आत्मनिर्भर बन सकता है।

हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड में नियमित कर्मचारियों की भर्तियां नहीं हो रही है। जिससे खेतड़ी कॉपर प्रोजेक्ट पर काफ़ी प्रभाव पड़ रहा है और इसके साथ साथ जो ठेका कर्मी हैं उनको भी वेतन कम मिल रहा हैं। कर्मचारियों की भर्ती होने पर बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। – रविन्द्र फौजी, जिला अध्यक्ष हिन्द मजदूर सभा

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