खेतडीनगर : हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के केसीसी प्लांट 1967 में स्थापना होने के साथ ही कर्मचारियों के रहने के लिए करीब 5 हजार से अधिक क्वार्टरों का निर्माण करवाया गया था। केसीसी आवासीय कॉलोनी में 4400 क्वार्टर व कोलिहान की कॉलोनी में करीब 700 क्वार्टर कर्मचारियों के लिए बनाए गए थे। दोनों जगह पर मिलाकर करीब 10 हजार कर्मचारी इनमें रह सकते थे। क्वार्टरो के अलावा इंजीनियरों व अप्रेंटिस धारियों के लिए भी अलग-अलग हॉस्टल बनाए गए थे। केसीसी में अधिकारी से लेकर कर्मचारियों सहित ग्रुप डी तक के कर्मचारियों के लिए भी अलग-अलग क्वार्टर बनाए गए थे। इन क्वार्टरो में कर्मचारियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होती थी। पानी बिजली की पर्याप्त सुविधा थी लेकिन वर्तमान स्थिति में करीब 30 प्रतिशत से अधिक आवासीय क्वार्टर जर्जर अवस्था में विद्यमान है। कई जर्जर क्वार्टर में तो लोगों को रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई क्वार्टर में तो नीचे के क्वार्टर में रह रहे हैं तथा ऊपर का जर्जर अवस्था में होकर प्लास्टर व छज्जे तक ऊपर से गिर रहे है। केसीसी के अधिकारियों ने इन क्वार्टरो में कभी मरमत नहीं करवाई सिर्फ रहने वाले अपने सुविधा अनुसार कुछ मरमत करवा कर रहना शुरू कर देते हैं लेकिन बरसात के मौसम में इनका प्लास्टर गिरता रहता है।
क्वार्टर आवंटन की नीति में पारदर्शिता व हो मरमत
केसीसी टाउनशिप में ईडी से लेकर अधिकारी इंजीनियर व ग्रुप डी तक के क्वार्टर अलग-अलग टाइप में बने हुए हैं। ए से लेकर एफ टाइप तक क्वार्टर बने हुए हैं। अगर नए कर्मचारियों की भर्ती होती है तो आवासीय क्वार्टरो की कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन थर्ड सेक्टर व हाथी पार्क के साथ ही कई क्वार्टर खाली भी पड़े हैं। खाली रहने से उनकी मरमत नहीं हो पाई। बिना मरमत के व जर्जर अवस्था में आए हुए हैं। केसीसी प्रशासन द्वारा क्वार्टर आवंटन में पारदर्शिता अपनानी पड़ेगी तथा खाली पड़े क्वार्टरों को भी अगर पूर्व कर्मचारी व अन्य सरकारी कर्मचारियों को दिया जाए तो राजस्व की भी प्राप्ति होगी तथा क्वार्टरों का भी रखरखाव हो पाएगा।
सेना के जवानो के परिवार व अध्यापक रहते हैं इन आवासीय क्वार्टरो में
केसीसी की आवासीय कॉलोनी में सेना में कार्यरत जवानों के परिवार बच्चों को पढ़ाने के लिए इन आवासीय कॉलोनी में रहते हैं क्योंकि यहां पर केंद्रीय विद्यालय है। कई उच्च कोटि की स्कूल आवासीय कॉलोनी में विद्यमान है। इनके अलावा अध्यापक व पुलिस के कर्मचारी भी केसीसी की आवासीय कॉलोनी में रहना पसंद करते हैं।
नर्सरी स्कूल व लाइब्रेरी भी हुई खंडहर में तब्दील
केसीसी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए नर्सरी स्कूल व न्यू मार्केट के पास लाइब्रेरी भी बनाई गई थी जिसमें कर्मचारी व उनके बच्चे शाम को किताबें व अखबार बैठकर पढ़ सकते थे लेकिन अब दोनों ही जगह विलायती कीकर बबुल खड़ी है तथा इमारतें खंडहर का रूप ले चुकी है केसीसी प्रशासन ने दोबारा इनको शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उनके सिर्फ ताला लगाकर खंडहर के रूप में छोड़ दिया गया।
इनका कहना है-
केसीसी की आवासीय कॉलोनी उच्च कोटि की है क्वार्टर आवंटन में पारदर्शिता बरतते हुए इनको आवंटित किया जाना चाहिए जिससे क्वार्टर में रहने वाले जर्जर क्वार्टरों की मरमत भी हो सके। कंपनी को भी समय-समय पर इनकी मरमत करवानी चाहिए तथा आवंटन के समय गारंटी की भी बाध्यता खत्म करके लीज रिन्यू का समय भी बढ़ाना चाहिए। – मदनलाल गुर्जर, पूर्व प्रधान पंचायत समिति खेतड़ी