[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

Mukesh Ambani और भारती मित्तल को BSNL ने चौंकाया! बिना सिम के होगी कॉलिंग?


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टेक्नोलॉजी

Mukesh Ambani और भारती मित्तल को BSNL ने चौंकाया! बिना सिम के होगी कॉलिंग?

BSNL D2D Technology: बीएसएनएल डी2डी सर्विस के साथ इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में तहलका मचाने की तैयारी में है जहां आप बिना सिम के किसी को भी कॉल कर सकेंगे।

BSNL D2D Technology: बीएसएनएल ने इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक नई क्रांति ला दी है। कंपनी ने हाल ही में डी2डी यानी डायरेक्ट-टू-डिवाइस सर्विस शुरू की है, जो बिना किसी सिम कार्ड या मोबाइल नेटवर्क के कॉल करने की सुविधा देती है। यह सर्विस सैटेलाइट्स के जरिए मोबाइल डिवाइस को जोड़ती है। इस नई सर्विस से Mukesh Ambani की जियो और भारती मित्तल की एयरटेल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानें…

D2D Technology क्यों है इतनी खास?

प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपातकालीन स्थितियों में, जब नेटवर्क डाउन हो जाते हैं, तो डी2डी सर्विस लोगों को एक-दूसरे से जुड़े रहने में मदद कर सकती है। जहां रेगुलर नेटवर्क नहीं पहुंच पाते हैं, वहां डी2डी सर्विस लोगों को कनेक्ट करने का एक तरीका ऑफर कर सकती है। बीएसएनएल की यह पहल भारत को सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में आगे ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कैसे काम करती है D2D सर्विस?

बीएसएनएल ने इस सर्विस के लिए वायसैट के साथ साझेदारी की है। एक साधारण एंड्रॉइड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके, यूजर्स सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के जरिए 36,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित किसी अन्य व्यक्ति को कॉल कर सकता है।

D2D Technology

भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का भविष्य

बीएसएनएल के अलावा, जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी अन्य कंपनियां भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी सर्विस पर काम कर रही हैं। साथ ही, एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन भी भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए जरूरी स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया में जुटी हुई है। एक बार स्पेक्ट्रम आवंटित होने के बाद, कंपनियां अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू कर सकेंगी।

टेलीकॉम इंडस्ट्री में गेम-चेंजर

डी2डी सर्विस इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। यह न केवल लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी ऑफर करेगी बल्कि भारत को सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में एक वैश्विक नेता बनाने में भी मदद करेगी।

Related Articles