अजमेर : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं साइंस की कॉपियों को परीक्षक ने जांचा ही नहीं और मनमाफिक नंबर दे दिए। विद्यार्थियों को जब कम नंबर मिले तो उन्होंने फिर से जांच करवाई। इसके बाद पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई। इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। बोर्ड प्रशासन परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशक को स्पेशल केस बनाकर भेजेगा।
3 स्टूडेंट्स ने दर्ज करवाई थी आपत्ति
बारां के 3 स्टूडेंट्स ने बोर्ड में आपत्ति दर्ज करवाई कि जो कॉपियां डाउनलोड की गई हैं, वे जांची ही नहीं गई हैं। इस पर बोर्ड प्रशासन में खलबली मच गई। बोर्ड ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल तीनों कॉपियां चेक करवाईं तो उनमें एक भी सवाल चेक किया हुआ नहीं मिला। बोर्ड ने परीक्षक को बुलाया। परीक्षक निमिषा रानी अजमेर के भगवानगंज स्कूल में शिक्षिका हैं।
परीक्षक निमिषा ने बोर्ड को बाकायदा लिखकर दिया कि अमूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रपत्र में कर दिया गया। उस समय कार्यभार अधिक होने के कारण व मुझे मानसिक तनाव रहने के कारण मेरे द्वारा मूल्यांकन नहीं कर योग में अंक दे दिए गए थे। इसके लिए मुझे खेद है।
बड़ा सवाल यह है परीक्षक को साइंस की 2 बंडल कॉपियां दी गई थीं। एक बंडल में करीब 420 कॉपियां होती हैं, ऐसे में 840 कॉपियों पर भी संशय है।
अगर गलत हुआ तो कार्रवाई होगी– बोर्ड सचिव
बोर्ड सचिव कैलाश चंद शर्मा ने कहा- अगर परीक्षक की ओर से लापरवाही की जाती है या अनियमितता बरती जाती है तो ऐसे मामलों में परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय को लिखा जाता है। इस मामले की जानकारी नहीं। अगर गलत हुआ तो कार्रवाई होगी। वहीं, निमिषा रानी ने कहा- कॉपियां जांचने के लिए जब आई तब परीक्षाएं चल थीं और बीएलओ का काम भी था।
जो जवाब सही थे, उसमें भी 0 नंबर दे दिए
- छात्र : मयंक नागर, विष्णुनगर, बारां। रोल नंबर 1990883, साइंस में 58 नंबर आए। जो सवाल सही थे, उसमें भी 0 नंबर दे दिए।