नगर परिषद सभापति व आयुक्त के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान खुलकर आई सामने
तबादला होते ही सभापति के ससुर का कॉम्पलैक्स तोड़ने पहुंचीं आयुक्त, कलेक्टर की दखल पर लौटीं
झुंझुनूं : नगर परिषद सभापति व आयुक्त के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान सोमवार को खुलकर सामने आ गई। तबादले के अगले ही दिन आयुक्त नगर परिषद का अतिक्रमण हटाओ दस्ता लेकर सभापति के ससुर का कॉम्पलैक्स तोड़ने और सीज करने पहुंच गई। इसकी भनक लगने पर सभापति व उनके समर्थक पार्षद मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे। करीब तीन घंटे चले घटनाक्रम के बाद कलेक्टर के हस्तक्षेप से नगर परिषद आयुक्त को खाली हाथ लौटना पड़ा।
दरअसल नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ व सभापति नगमा बानो के बीच काफी समय से खींचतान चल रही है। आयुक्त का रविवार रात आई तबादला सूची में झुंझुनूं से केकड़ी तबादला कर दिया गया। इस पर सोमवार सुबह सभापति ने उन्हें रिलीव कर चार्ज एक्सईएन वेदप्रकाश को दे दिया। इससे खफा आयुक्त अनिता शाम करीब चार बजे नगर परिषद का दस्ता लेकर शहर में डाइट के सामने स्थित सभापति के ससुर एवं पूर्व चेयरमैन तैय्यब अली के कॉम्पलैक्स को अतिक्रमण बता तोड़ने व सीज की कार्यवाही शुरू की। तभी आयुक्त का विरोध शुरू हो गया। सभापति नगमा बानो, पार्षद अजमत अली, तैय्यब अली समेत अनेक लोग पहुंचे। बहस होने लगी। उ न्होंने यह कहते हुए विरोध किया कि आयुक्त अनीता खीचड़ का तबादला हो चुका है। वे अब इस पद पर नहीं हैं। इसलिए कार्रवाई नहीं कर सकतीं।
नियम : अवैध निर्माण के खिलाफ देने होते हैं दो नोटिस, इसके बाद ही कार्रवाई
सभापति ने कहा कि सीजिंग की कार्यवाही के लिए नियमों की पालना भी नहीं की गई है। नियम है कि अवैध निर्माण करने पर संबंधित को दो नोटिस देने होते हैं। इसके बाद ही अवैध निर्माण तोड़ा जा सकता है या उसे सीज किया जा सकता है। लोगों के विरोध की सूचना पर कोतवाल पवन चौबे, डीएसपी वीरेंद्र शर्मा, एसडीएम हवाई सिंह यादव, तहसीलदार ओमप्रकाश मूंड मौके पर पहुंचे। शाम करीब सात बजे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी नगर परिषद आयुक्त पर बदले की भावना से कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए विरोध किया। इस बीच सभापति नगमा बानो कलेक्टर व एसपी के पास पहुंची और उन्हें स्थिति की जानकारी दी। रात करीब आठ बजे कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद एडीएम अजय वर्मा मौके पर पहुंचे। इसके बाद नगर परिषद आयुक्त व दस्ते को बिना कार्रवाई किए ही लौटना पड़ा।
आयुक्त बदले की भावना से कर रहीं कार्रवाई: सभापति कैसा बदला, कार्रवाई नियमों के अनुसार ही थी: आयुक्त
आयुक्त अनिता खीचड़ मेरी लड़ाई मेरे रिश्तेदारों से लड़ रही हैं। 3-3 नोटिस के बाद भी खुद के रिश्तेदारों के मामले दबा रखे हैं। मेरे रिश्तेदारों को एक नोटिस के बाद ही सीज की कार्यवाही करने पर आमदा है। रविवार को तबादले के बाद हमने सोमवार दोपहर उ नको रिलीव कर दिया था। – नगमा बानो, सभापति
सभापति के ससुर ने अवैध निर्माण कर रखा है। नियमानुसार रोड बाउंड्री एरिया में बने निर्माण को तोड़ने व कॉम्पलैक्स को सीज करने दस्ता लेकर गई थी। मुझे रिलीव करने का सभापति को कोई अधिकार नहीं है। मैं अभी भी नगर परिषद आयुक्त हूं। आगे भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। – अनीता खीचड़, आयुक्त
तबादले के बाद नीतिगत रूप से फैसले नहीं ले सकता अधिकारी
ट्रांसफर आदेशों में स्पष्ट है कि वर्तमान पद से कार्यमुक्त होते ही तुरंत प्रभाव से नई जगह कार्यभार ग्रहण करना होता है। वैसे भी सोमवार को ही उन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया था। तबादले के बाद अधिकारी नीतिगत रूप से इस तरह के कोई फैसले नहीं ले सकते। – रामावतार मीणा, कलेक्टर
अतिक्रमण हटाने व सीज की कार्रवाई के लिए नगर परिषद ने पुलिस इमदाद नहीं मांगी थी। ऐसे मामलों में अक्सर विरोध को देखते हुए इमदाद मांगी जाती है। घटना की जानकारी मिलने पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस खुद की मौके पर पहुंची थी। – पवन चौबे, कोतवाली थानाधिकारी झुंझुनूं
एक्सपर्ट : दो नोटिस; पहले में दस्तावेज मांगते हैं, दूसरे में चेतावनी देते हैं, फिर जरूरी हो तो कार्रवाई
स्वायत्त शासन विभाग के नियमानुसार कोई अवैध निर्माण होने पर निर्माणकर्ता को दो नोटिस देकर ही अतिक्रमण हटाने व सीज की कार्यवाही की जा सकती है। नोटिस देकर निर्माण संबंधी दस्तावेज व अनुमति संबंधी जानकारी मांगी जा सकती है। जवाब नहीं देने पर दूसरा व अंतिम नोटिस दिया जाता जिसमें सीज व ध्वस्त करने की चेतावनी दी जाती है। इसका भी जवाब नहीं देने पर अतिक्रमण हटाने व सीज की कार्रवाई की जाती है। – राजेंद्र जोशी, सेवानिवृत्त आयुक्त, नगर परिषद