एसओजी ने ताइक्वांडो संघ सचिव को किया अरेस्ट:1-1 लाख में बांटे थे फर्जी सर्टिफिकेट, रिकॉर्ड में हेराफेरी कर बनाए थे जाली डॉक्यूमेंट
एसओजी ने ताइक्वांडो संघ सचिव को किया अरेस्ट:1-1 लाख में बांटे थे फर्जी सर्टिफिकेट, रिकॉर्ड में हेराफेरी कर बनाए थे जाली डॉक्यूमेंट

जयपुर : स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने फर्जी खेल सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में ताइक्वांडो संघ के सचिव को अरेस्ट किया है। ताइक्वांडो संघ के सचिव ने 1-1 लाख रुपए में फर्जी सर्टिफिकेट बांटे थे। रिकॉर्ड में हेराफेरी कर जाली डॉक्यूमेंट तैयार कर फर्जी सर्टिफिकेट बांटे गए थे। मामले में फर्जी वेरिफिकेशन करने वाले गवनर्मट टीचर्स को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी कर्मचारियों की भूमिका के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा है। एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया ताइक्वांडो संघ के सचिव दिनेश जगरवाल (50) निवासी सूरतगढ़ श्रीगंगानगर का अरेस्ट किया है। सीकर के लक्ष्मणगढ़ स्थित नासनवा सरकारी स्कूल में दिनेश जगरवाल पीटीआई है। इसके साथ ही ताइक्वांडो संघ का सचिव रहा है।
एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि आरोपी ने पूर्व ताइक्वांडो खेल चुके लोगों के रिकॉर्ड में हेराफेरी करके फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए थे। इसके बदले में आरोपी दिनेश जगरवाल ने अभ्यर्थियों से एक-एक लाख रुपए लिए थे। फर्जी सर्टिफिकेट लगाने के बाद सरकारी नौकरी लगे लोगों ने उनका वेरिफिकेशन कराने की मांग की तो बिमलेश ने मना कर दिया। अभ्यर्थियों ने बिमलेश को और पैसे दिए तो उसने ताइक्वांडो ऑफ इंडिया के नाम से फर्जी ई-मेल बनाकर सभी फर्जी सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन कर दिया। अब एसओजी आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी सर्टिफिकेट के संबंध में पूछताछ कर रह तस्दीक कर रही है। साथ ही एसओजी यह जांच कर रही है कि आरोपी ने पीटीआई भर्ती के अलावा और किस-किस भर्ती के अभ्यर्थियों के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनाए हैं। फर्जी खेल सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के मामले में सरकारी टीचर बिमलेंदु कुमार झा, कमल सिंह, हितेश भादू और मनोज कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
जारी किए कई फर्जी सेर्टिफिकेट
ताइक्वांडो की थर्ड और चतुर्थ भगवान महावीर ओपन स्टेट चैंपियनशिप 2017-18 में हुई थी। तब राजस्थान ताइक्वांडो संघ का सचिव दिनेश ही था और इंडियन फेडरेशन से मान्यता मिलने के बाद लगातार दो साल चैंपियनशिप हुई थी। साल 2017 में यह चैंपियनशिप राजस्थान विश्व विद्यालय (आरयू) में, जबकि 2018 में सवाई मानसिंह (एसएमएस) स्टेडियम में हुई थी। 2017 में करीब 4 हजार और 2018 में 3 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया था। दोनों ही साल ऑफलाइन सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। तब बड़ी संख्या में फर्जी सर्टीफिकेट भी जारी हुए थे। सर्टिफिकेटों का वेरिफिकेशन सचिव होने के नाते दिनेश ने ही किया था। इसके बदले में 1-1 लाख रुपए लिए थे, जिन खिलाड़ियों को यह सर्टिफिकेट जारी किए गए वह अवैध थे, जिनके आधार पर कई ने पीटीआई की नौकरी हासिल की थी। इसके बाद ताइक्वांडो के मैचों को ऑनलाइन कर दिया गया।
2018 के बाद नहीं मिली चैंपियनशिप की मान्यता
राजस्थान में ताइक्वांडो एक से अधिक संगठन होने के कारण हमेशा विवादों में रहा है। इसके चलते 2018 के बाद भारतीय ताइक्वांडो संघ ने चैंपियनशिप के लिए मान्यता नहीं दी। इसके बाद ताइक्वांडो संघ में विवाद हो गया। विवाद के चलते भारतीय ताइक्वांडो संघ ने एडहॉक कमेटी बनाई, जिसने बाद में चुनाव करवाए।
राजस्थान ताइक्वांडो संघ बोला- अब जगरवाल नहीं लक्ष्मण हाड़ा सचिव हैं
इधर, राजस्थान ताइक्वांडो संघ का कहना है कि फेडरेशन ऑफ इंडिया ने राजस्थान ताइक्वांडो संघ के 22 जून 2023 में चुनाव कराए थे। तब सचिव कोटा के लक्ष्मण सिंह हाड़ा और अध्यक्ष अलवर के उत्तम सैनी को चुना गया। ये इंडियन ओलिंपिक संघ और राजस्थान संघ से मान्यता प्राप्त हैं।