सीकर : सीकर खीरे के बीज के बाद अब नकली सरसों भी बाजार में आने लगी है। जयपुर में भी नकली सरसों तैयार की जा रही है। इसका खुलासा जयपुर से सरसों की एक खेप आने के बाद हुआ। सरसों के नकली निकलने पर व्यापारी ने फर्म को उलाहना दिया। फर्म ने नकली सरसों वापस ले जाने के लिए गाड़ी भी व्यापारी के पास भेज दी, लेकिन व्यापारी को 11 लाख रुपए नहीं लौटाए, तो व्यापारी ने धोखाधड़ी का मुकदमा करा दिया है।
मिलावटखोरों ने मिट्टी और सीमेंट के दानों पर पॉलिश करते हुए हूबहू नकली सरसों तैयार कर दी है। इसे सामान्य तौर पर पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है। सीकर के व्यापारी के पास नकली सरसों आने के बाद हमारे मीडिया कर्मी ने पूरे मामले पर पड़ताल की। रिपोर्टर ने प्रमुख व्यापारियों से बात की, तो सामने आया कि भरतपुर जिले की वैर और डीग जिले की कामां मंडी में नकली सरसों पहुंचने के मामले सामने आ चुके हैं। मिलावटखोर पहले किसी मशीन की मदद से मिट्टी या सीमेंट के सरसों जैसे दाने तैयार करते हैं। फिर उन पर पॉलिश की जाती है। ये देखने में बिल्कुल असली सरसों जैसी नजर आती है और इसे पहचानना आसान नहीं होता है।
“व्यापारी मनोज ने नकली सरसों की सप्लाई देने व 11 लाख रुपए नहीं लौटाने का मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।”-गिरधारीलाल, थानाधिकारी, धोद
करीब एक महीने पहले श्रीगंगानगर में भी ऐसा एक मामला पकड़ में आया था। जांच के दौरान जब नकली सरसों को पानी में डाला गया तो वह आसानी से पानी में घुल गई थी। विशेषज्ञों ने बताया कि ये सरसों भले ही नकली हो, लेकिन इसमें तेल की मात्रा 42-43% होती है। लैब में जांच कराने पर भी ये पकड़ में नहीं आती है। इसमें कैमिकल मिलाते हुए तेल की मात्रा बढ़ाई जाती है। इसके अलावा कई बार सत्यानाशी के बीज भी डाल देते हैं। ये बिलकुल सरसों की तरह दिखते हैं। इन बीजों से तेल भी निकलता है।
कई बार पूरी तरह से नकली सरसों नहीं भेजी जा रही है। असली में ही कुछ मात्रा नकली सरसों की मिला दी जाती है, जिससे आसानी से पकड़ में नहीं आती। धोद पुलिस के अनुसार मनोज कुमार ने रिपोर्ट दी है कि मैं किसानों से अनाज खरीदकर मंडी में ले जाकर बेचता हूं। मैंने अप्रैल में विशाल शर्मा से जयपुर से प्रति क्विंटल 4500 रुपए में 60 टन सरसों का सौदा किया था। मैंने 15 लाख रुपए गोविंद ट्रेडिंग कंपनी के दो बैंक खातों में जमा करवा दिए। विशाल ने मेरे पास 24 टन सरसों भरकर जयपुर नंबरों की गाड़ी भेज दी।
हम लोग गाड़ी से सरसों उतरवा ही रहे थे कि मेरे पास एक दूसरे व्यापारी का फोन आया। उसने कहा कि सरसों को चेक करो। ये नकली हो सकती है। इसके बाद मैंने चेक किया तो सरसों नकली निकली। इसके बाद मैंने विशाल को फोन पर पूरी बात बताई। व्यापारी ने बताया कि दो दिन बाद विशाल, सोनू कलाल व सुनील चौधरी मेरे घर आकर बोले कि उतारी गई सरसों वापस गाड़ी में लोड करवा दो। हम आपको असली सरसों भेज देंगे। विशाल ने मुझे चार लाख रुपए दिए। मनोज ने पुलिस को बताया कि पांच अक्टूबर को विशाल ने नकली सरसों उठाने के लिए मेरे घर गाड़ी भेज दी।
मैंने जब बाकी के 11 लाख रुपए मांगे तो विशाल व सोनू ने कहा कि एक रुपया भी नहीं देंगे। आपको जो करना है, कर लो। तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर फंसा देंगे।
“यदि कोई सीकर जिले में नकली सरसों ला रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करवाई जाएगी। व्यापारियों का भी प्रयास रहेगा कि ऐसा मामला आने पर इसकी जानकारी पुलिस को देंगे।”-नवरंगलाल खीचड़, खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष, कृषि मंडी
जांच में नकली निकला खीरा का बीज : हाल ही में दांतारामगढ़ के किसानों को एक कंपनी ने खीरे का नकली बीज दे दिया था। इससे फसल खराब हो गई थी। पीड़ित किसानों ने जब इसकी शिकायत की तो कृषि विभाग ने जांच करवाई। जांच के दौरान खीरे का बीज भी नकली व घटिया पाया गया था।