राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तैयारी शुरू:स्टूडेंट्स को आधार जैसा 12 अंकों का परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलेगा, प्रदेश में डेढ़ करोड़ छात्र
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तैयारी शुरू:स्टूडेंट्स को आधार जैसा 12 अंकों का परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलेगा, प्रदेश में डेढ़ करोड़ छात्र

जयपुर : प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 1.50 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को अब एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा। एक देश एक स्टूडेंट आईडी के लिए जारी होने वाला यह परमानेंट एजुकेशन नंबर (पीईएन) 12 अंकों का होगा। विद्यार्थी आजीवन इस नंबर को अपनी शैक्षणिक पहचान के रूप में काम में ले सकेंगे। विद्यार्थी का एक यूनिक नंबर जारी होने से फर्जीवाड़े डिग्री और डिप्लोमा पर लगाम लग सकेगी।
वर्तमान में भर्तियों में फर्जी डिग्री और डिप्लोमा से कई अभ्यर्थियों के नौकरी लगने के मामले सामने आए हैं। एक यूनिक नंबर होने से अभ्यर्थी का पता चल सकेगा कि उसने कहां, कब और किसकी पढ़ाई की। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने पीईएन के लिए आदेश जारी कर तैयारी प्रारंभ कर दी है।
आधार नहीं तो नहीं बनेगी अपार आईडी :
अपार आईडी के लिए विद्यार्थी के पास आधार कार्ड होना चाहिए। साथ ही यू डाइस प्लस पर विद्यार्थी का डाटा स्कूल द्वारा सत्यापित होना चाहिए। यू डाइस पोर्टल पर माता-पिता, अभिभावक का सही मोबाइल नंबर उपलब्ध होना चाहिए। जिन विद्यार्थियों का आधार कार्ड नहीं है, उन्हें आधार बनवा लेना चाहिए। इसके बिना अपार आईडी जेनरेट नहीं होगी।
अपार आईडी के फायदे
- विद्यार्थी के शैक्षणिक इतिहास का विस्तृत व स्थायी अभिलेख बनाया जा सकेगा।
- डिजि लॉकर से जोड़ा जाएगा, जहां समस्त उपलब्धियां एक जगह मिल सकेंगी।
- स्थानांतरण, कौशल, नौकरी व उच्च शिक्षा के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
- अपार को विद्यार्थी के शैक्षणिक क्रेडिट बैंक (एबीसी) से भी जोड़ा जा सकेगा।
- भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन हो सकेगा। फर्जीवाड़े से डिग्री ली है तो पकड़ में आएगी।
फर्जी डिग्री और डिप्लोमा का फर्जीवाड़ा रुकेगा:
केंद्र सरकार संपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धि को एक साथ रखने के लिए एक देश, एक स्टूडेंट आईडी की कवायद कर रही है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में हर विद्यार्थियों की यूनिक आईडी बनाने पर जोर दिया गया है। यूनिक आईडी पीईएन के लिए अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) का कार्य प्रारंभ किया गया है। निर्माण केंद्र सरकार के यू-डाइस प्लस पोर्टल से किया जाएगा। इसके लिए विद्यालय का शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में यू डाइस प्लस पोर्टल सक्रिय होना जरूरी है। साथ ही विद्यार्थी का भी सक्रिय होना जरूरी है। विद्यार्थी का समस्त डाटा सत्यापित होने के बाद ही अपार के जरिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पीईएन) जनरेट होगा।