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झुंझुनूं में पंचायत समिति पुनर्गठन का विरोध:कलेक्ट्रेट पहुंचे 3 गांवों के लोग बोले- मुकंदगढ़ में शामिल नहीं होना


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झुंझुनूं में पंचायत समिति पुनर्गठन का विरोध:कलेक्ट्रेट पहुंचे 3 गांवों के लोग बोले- मुकंदगढ़ में शामिल नहीं होना

झुंझुनूं में पंचायत समिति पुनर्गठन का विरोध:कलेक्ट्रेट पहुंचे 3 गांवों के लोग बोले- मुकंदगढ़ में शामिल नहीं होना

झुंझुनूं : झुंझुनूं में पंचायत समिति पुनर्गठन के तहत बुगाला, सौथली और कारी ग्राम पंचायतों को नवलगढ़ से हटाकर नई गठित पंचायत समिति मुकंदगढ़ में शामिल करने विरोध शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए इस निर्णय को अन्यायपूर्ण करार दिया और इसे वापस लेने की मांग की।

पंचायतीराज विभाग द्वारा पंचायत समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत इन तीनों ग्राम पंचायतों को नवलगढ़ पंचायत समिति से हटाकर मुकंदगढ़ में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा रहा है। इस निर्णय को ग्राम वासियों ने अनुचित बताया है और इस निर्णय का विरोध किया है।

ग्रामीणों ने बताया- ये तीनों गांव पहले से ही पंचायत समिति नवलगढ़ के अंतिम छोर पर स्थित थे और अब उन्हें मुकंदगढ़ में शामिल करने से समस्याएं और बढ़ जाएंगी।

50 किमी की दूरी से बढ़ा विरोध

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मुकंदगढ़ पंचायत समिति इन गांवों से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि नवलगढ़ उनसे नजदीक है। इतना ही नहीं, मुकंदगढ़ के लिए सीधा सड़क संपर्क भी उपलब्ध नहीं है, जिससे ग्रामीणों को पंचायत समिति के कार्यों के लिए लंबा और जटिल सफर तय करना पड़ेगा। अधिकांश सरकारी व निजी बस सेवाएं नवलगढ़ से संचालित होती हैं, जिससे मुकंदगढ़ जाने के लिए ग्रामीणों को अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

गुढ़ागौड़जी में शामिल करने का सुझाव

ग्रामीणों का कहना है कि किसी कारणवश इन ग्राम पंचायतों को नवलगढ़ में नहीं रखा जा सकता है, तो गुढा गौड़जी पंचायत समिति में शामिल करने का सुझाव दिया गया। ग्रामीणों के अनुसार, इन तीनों गांवों की भौगोलिक स्थिति, आवागमन और सुविधाओं का लगाव गुढ़ागौड़जी से अधिक है। मुकंदगढ़ से जुड़ाव न के बराबर है और प्रशासनिक कार्यों के लिए वहां तक जाना बेहद कठिन होगा। यदि सरकार ने इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार नहीं किया, तो ग्रामीण व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।

पूर्व सरपंच ने किया नेतृत्व

इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सरपंच तुलसीराम ने किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय ग्रामीणों के हितों के खिलाफ है और इससे लोगों को भारी असुविधा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को ग्रामीणों की बात सुननी चाहिए और इस निर्णय को वापस लेना चाहिए। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और नारेबाजी करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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