खेतड़ी नगर : शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन चल रहा है, टीम प्रभारी की देखरेख में खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेते है साथ ही प्रतियोगिता का आयोजन करवाने वाली स्कूल प्रभारी को जिम्मेदारी खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी जाती है, जिसके बावजूद टीम प्रभारी व स्कूल प्रभारी की लापरवाही के कारण खिलाड़ियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी ऐसा ही मामला केसीसी की राउमावि के सौजंय से चल रही 68वीं जिला स्तरीय बैंडमिंटन प्रतियोगिता के दौरान देखने को मिला। टीम प्रभारी खिलाड़ियों को छोड़ कर अपने गांव चला गया और आयोजक स्कूल ने बच्चों को स्कूल में रहने के लिए कमरा नही दिया जिसके कारण खिलाड़ी केसीसी के नेहरू मैदान में रात गुजारी।
बुधवार सुबह घुमने आऐ समाज सेवी बबलू अवाना, रमेश कुमार व मुकेश अग्रवाल ने खिलाड़ियों को मैदान में देख कर पुछताछ की तो उन्होंने बताया कि मैदान में ही रात गुजारी। समाज सेवी बबलू अवाना ने बताया कि सुबह करीब साढे पांच बजे प्रतिदिन की भांति घुमने आया तो देखा की चार पांच युवक सामान के साथ स्टेज पर बैठे हुए थे, उनसे पुछा तो उन्होंने बताया कि अजीतगढ की रायपुर आर्दश उमावि से जिला स्तरीय बैंडमिंटन में खेलने आएं है, बुधवार को एकल फाईनल मुकाबला है, खिलाड़ियों ने बताया कि मंगलवार देर शाम को टीम प्रभारी उन्हें छोड़ कर गांव चले गए। जानपहचान नही होने के कारण रात भर मैदान में ही गुजारी। इस संबंध में जब समाज सेवी बबलू अवाना ने राउमावि खेतड़ी नगर के प्रधानाचार्य ब्रह्मांनद दौचानिया को अवगत करवाया तो प्रधानाचार्य मौके पर पहुंच कर टीम प्रभारी को फोन पर वार्ता कर बच्चों को एकले छोड़ने का करण जानने लगे। खिलाड़ियों ने बताया कि रात को अनपुर्णा रसोई में जाकर खाना खाया। समाज सेवी बबलू अवाना, रमेश कुमार व मुकेश अग्रवाल ने खिलाड़ियों को सुबह नाश्ता पानी करवाया। टीम प्रभारी का कहना था कि प्रतियोगिता आयोजक ने स्कूल में रूकने की कोई व्यवस्था नही बताई वही प्रतियोगिता आयोजक प्रधानाचार्य ने कहा कि टीम प्रभारी ने बच्चों को रोकने के लिए कुछ नही कहा। दोनों ही पक्ष एक दुसरे पर टाल रहे है।
क्या कहते है
खेतड़ी नगर में जिला स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता चल रही है जिसमें अजीतगढ की रायपुर आर्दश उमावि के खिलाड़ियों को लेकर आया था, स्कूल में खिलाड़ियों को रोकने के लिए कहा तो प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूल में कोई व्यवस्था नही है, दो दिन तो किसी रिश्तेदार के रूके, कल तबियत खराब होने के कारण बच्चों के लिए धर्मशाला बुक करने की कोशिश की तो धर्मशाला वाले एक हजार रूपए मांग रहे थे। पैसे ज्यादा मांगने के कारण बच्चों ने मुझे गांव जाने को कहा और अपनी व्यवस्था स्वयं करने की बात कही। ~ जसुराम सैनी, टीम प्रभारी
खिलाड़ियों को रूकने के लिए स्कूल में व्यवस्था कर रखी है, अजीतगढ की रायपुर आर्दश उमावि के टीम प्रभारी ने स्कूल में खिलाड़ियों के लिए कमरे की मांग नही की। पहले से ही खिलाड़ियों को रोकने के लिए कमरों में व्यवस्था कर रखी थी। ~ ब्रह्मानंद दौचानिया, प्रधानाचार्य
जिस स्कूल द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन होता है, खिलाड़ियों के रहने के लिए व्यवस्था करने की जिम्मेदारी उसी स्कूल की होती है। प्रति खिलाड़ी को खाने के 150 रूपए मिलते है, खिलाड़ियों की देखरेख की जिम्मेदारी टीम प्रभारी की रहती है। अगर टीम प्रभारी खिलाड़ियों को छोड़ कर चला गया और खिलाड़ी रातभर मैदान में गुजारी, आयोजक स्कूल प्रभारी ने खिलाड़ियों को रोकने की कोई व्यवस्था नही की उसकी जांच करवा कर विभागिय कार्यवाही की जाएंगी। सतवीरसिंह यादव, जिला अधिकारी फिजिकल, नीमकाथाना