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गहलोत-सरकार में बने जिलों पर जल्द फैसला लेगी भजनलाल सरकार:प्रशासनिक सीमाएं खुलवाने के लिए सीएम भजनलाल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र


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गहलोत-सरकार में बने जिलों पर जल्द फैसला लेगी भजनलाल सरकार:प्रशासनिक सीमाएं खुलवाने के लिए सीएम भजनलाल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

गहलोत-सरकार में बने जिलों पर जल्द फैसला लेगी भजनलाल सरकार:प्रशासनिक सीमाएं खुलवाने के लिए सीएम भजनलाल ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

जयपुर : गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलो को लेकर भजनलाल सरकार जल्द फैसला लेना चाहती हैं। लेकिन प्रस्तावित जनगणना के चलते राज्य की प्रशासनिक सीमाएं सील है। ऐसे में सरकार चाहकर भी जिलों के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन नहीं कर सकती हैं।

इसे लेकर अब सीएम भजनलाल शर्मा ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजस्थान के लिए प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसम्बर तक खोलने का आग्रह किया हैं। इससे साफ है कि भजनलाल सरकार अगले दो-तीन महीनों में ही गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलों का क्षेत्राधिकार बदलने, उन्हें समाप्त करने और छोटे जिलो को आपस मर्ज करने का फैसला लेगी।

सीएम भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के लिए प्रशासनिक सीमाएं 31 दिसम्बर तक खोलने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा हैं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के लिए प्रशासनिक सीमाएं 31 दिसम्बर तक खोलने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा हैं।

प्रशासनिक ईकाइयों के स्थिरीकऱण की समय सीमा बढ़ाने की मांग
सीएम भजनलाल शर्मा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने आगामी जनगणना हेतु जिलों, तहसीलों,कस्बों एवं ग्रामों जैसी प्रशासनिक इकाइयों को तय करने की राज्य की शक्तियां 1 जुलाई 2024 के आगे नहीं बढ़ाई गई हैं।

लेकिन राज्य सरकार आमजन को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश में नवीन राजस्व ग्राम, उपखंड, तहसील, उप-तहसील, कार्यालयों इत्यादि के सजृन एवं जिलों के क्षेत्राधिकार आदि में परिवर्तन के संबंध में अधिसूचना जारी करना चाहती हैं। ऐसे में राजस्थान प्रदेश के लिए प्रशासनिक ईकाइयों के स्थिरीकऱण की समय सीमा 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाए जाने की अनुमति शीघ्र प्रदान कराए।

जनगणना निदेशालय के पास 50 जिलों का ब्योरा, इनके आधार पर होगी जनगणना
प्रदेश में जब भी कोई भी नया गांव, तहसील, नया जिला या नई नगरपालिका सहित कोई भी प्रशासनिक यूनिट बनती है या उसकी बाउंड्री में कोई बदलाव होता है तो उसकी सूचना तत्काल जनगणना निदेशालय को दी जाती है। प्रशासनिक​ यूनिट बनाने, खत्म करने, मर्ज करने या बाउंड्री में बदलाव करने से जुड़े हर नोटिफिकेशन की एक कॉपी जनगणना निदेशालय को भेजी जाती है।

देश में जनगणना का काम सितम्बर से शुरू होना प्रस्तावित है। ऐसे में अब देश के किसी भी राज्य में कोई प्रशासनिक यूनिट में बदलाव नहीं हो सकता है। केन्द्र सरकार ने इस संदर्भ में राज्य की शक्तियों को सीज़ कर दिया हैं। अब भजनलाल सरकार ने राजस्थान के लिए विशेष छूट की मांग की हैं।

पंवार कमेटी ने 30 अगस्त को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार को रिपोर्ट सौंपी।
पंवार कमेटी ने 30 अगस्त को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार को रिपोर्ट सौंपी।

पंवार कमेटी सौंप चुकी है रिपोर्ट
भजनलाल सरकार ने 17 नए जिलो के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 30 अगस्त को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी हैं।

सूत्रों के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है। कई जिलों को प्रशासनिक जरूरत, दूरी के हिसाब से उपयुक्त नहीं माना है। कमेटी ने सीधे तौर पर जिले खत्म करने की सिफारिश नहीं की है, लेकिन मापदंडों पर खरा नहीं उतरने का जिक्र करके तथ्यात्मक ब्योरा दे दिया है।

45 विधायकों, 5 सांसदों सहित कई नेताओं ने कमेटी को सुझाव दिए
गहलोत राज में बने जिलों को लेकर ललित के पंवार कमेटी ने सभी जिलों का दौरा करके रिपोर्ट लेने के साथ लोगों से मुलाकात की। कमेटी से 45 विधायकों, 5 सांसदों, 12 जिला प्रमुखों, 25 प्रधानों सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात कर सुझाव और मांगें रखीं। बीजेपी विधायकों ने गहलोत राज के कई छोटे जिलों की बाउ्ंड्री पर आपत्ति जताते हुए नए इलाके जोड़ने और हटाने पर भी सुझाव दिया है।

जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की सब कमेटी में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के अलावा चार अन्य मंत्री भी हैं।
जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की सब कमेटी में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के अलावा चार अन्य मंत्री भी हैं।

कैबिनेट सब कमेटी कर रही रिपोर्ट का अध्ययन
पंवार कमेटी की रिपोर्ट का अब कैबिनेट सब कमेटी अध्ययन कर रही हैं। सोमवार को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई। इसमें ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। इसमें कुछ छोटे जिलों को मर्ज करने का सुझाव आया है। कमेटी ने माना है कि कई छोटे जिले व्यावहारिक नहीं हैं।

पंवार कमेटी को कुछ बिंदुओं पर एक और रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। कैबिनेट सब कमेटी के पास 200 से ज्यादा ज्ञापन आए हैं, इनमें नए जिलों की मांग, कुछ इलाकों को नए जिलों से बाहर निकालने और मर्ज करने से जुड़े हुए हैं। पवार कमेटी के पास भी काफी ज्ञापन है। इन सभी ज्ञापनों पर एक रिपोर्ट मांगी है। हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है।

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