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पूरब से कांग्रेस का उदय:पूर्वी राजस्थान में 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस जीती; वोट शेयर 10% गिरा तो 25 से 14 सीटों पर सिमट गई भाजपा


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पूरब से कांग्रेस का उदय:पूर्वी राजस्थान में 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस जीती; वोट शेयर 10% गिरा तो 25 से 14 सीटों पर सिमट गई भाजपा

पूरब से कांग्रेस का उदय:पूर्वी राजस्थान में 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस जीती; वोट शेयर 10% गिरा तो 25 से 14 सीटों पर सिमट गई भाजपा

जयपुर : राजस्थान में लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा को झटका देकर चौंका दिया है। मात्र 6 माह पूर्व ही विधानसभा चुनाव में जीत कर सरकार बनाने वाली भाजपा इस बार लोकसभा की 25 सीटें जीतने की हैट्रिक नहीं बना पाई। 2014 व 2019 के चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीटें जीती थीं।

जातियों के गणित और प्रत्याशियों के चयन में उलझी भाजपा को एक ही झटके में 11 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस ने साम-दाम दंड भेद की नीति अपनाते हुए गठबंधन कर सीटें छोड़ीं और तीनों सीट नागौर, सीकर व बांसवाड़ा को उसके सहयोगी दल जीतने में सफल रहे। भाजपा को महज 14, कांग्रेस को 8, बीएपी, आरएलपी व माकपा को 1-1 सीट पर जीत मिली।

पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य बड़े नेताओं की ताबड़तोड़ रैलियां व रोड शो भी भाजपा को उसके अनुपात में जीत नहीं दिला पाए। कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान की 4 सीट भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और करौली धौलपुर कब्जे में कर ली। शेखावाटी की तीनों सीटें कांग्रेस गठबंधन ने जीत लीं। 2019 के मुकाबले भाजपा के 9.83% वोट शेयर कम हुए तो उसने 10 सीटें गंवा दी। जबकि, कांग्रेस के 3.67% वोट बढ़े तो उसकी सीट शून्य से 8 पर पहुंच गई।

सबसे ज्यादा नजर पूर्व सीएम गहलोत के बेटे के मैदान में उतरने से जालोर-सिरोही, त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी बाड़मेर, भाजपा सांसद को कांग्रेस से मैदान में उतारे जाने से चूरू सीट पर थी। गहलोत बेटे को जिता नहीं सके। बाड़मेर व चूरू सीट पर कांग्रेस संगठन की रणनीति कारगर साबित हुई।

रिजल्ट का 360 डिग्री व्यू – 12 सवालों से समझिए पूरा चुनाव परिणाम

Q 1. क्या भाजपा का 10% वोट खिसकने से कांग्रेस गठबंधन को 11 सीटें मिल गईं?
कांग्रेस का वोट प्रतिशत 3.67 फीसदी बढ़ा, इससे सीटें शून्य से 8 हो गईं
2019 में भाजपा काे 59.07%, कांग्रेस को 34.24% वोट मिले थे। इस बार भाजपा को 49.24% यानी 9.83% कम वोट मिले, इससे 10 सीटों का घाटा हुआ। कांग्रेस का वोट प्रतिशत 3.67% बढ़कर 37.91% हो गया, इससे सीटें शून्य से 8 पर पहुंच गई हैं।

Q 2. दोनों चरणों में 2019 के मुकाबले कम वोटिंग हुई, इसका फायदा किस पार्टी को मिला?
पहले चरण की 5.44% कम वोटिंग का बड़ा लाभ कांग्रेस को मिला
पहले चरण की 12 सीटों पर वोटिंग 5.44% घटी। इसमें पूर्वी राजस्थान की ज्यादातर सीटें थीं तो कांग्रेस ने इसमें 8 जीतीं। दूसरे चरण में भाजपा ने सभा, रैलियां, कार्यकर्ता सम्मेलन बढ़ाए, जबकि कांग्रेस ने राहुल गांधी तक की सभा नहीं की। भाजपा ने इस चरण में 13 में 10 सीटें जीतीं।

Q 3. भाजपा के 4 मंत्री मैदान में उतारे थे, यह फैसला कितना कारगर रहा?
बाड़मेर में कैलाश चौधरी को छोड़कर बाकी तीनों मंत्रियों ने जीत हासिल की
जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, अलवर से पहली बार चुनाव में उतरे भूपेंद्र यादव और बीकानेर से चौथी बार चुनाव लड़े अर्जुनराम मेघवाल चुनाव जीते। जबकि बाड़मेर से कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे, उन्हें कांग्रेस के उम्मेदाराम ने हराया। दूसरे स्थान पर निर्दलीय रवींद्र भाटी रहे।

Q 4. कांग्रेस ने 3 सीटें गठबंधन को दीं- क्या हुआ?
सीकर में माकपा, बांसवाड़ा में बीएपी और नागौर में आरएलपी जीती
कांग्रेस ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा। बाकी तीन सीटों में सीकर से माकपा के अमराराम, बांसवाड़ा से बीएपी के राजकुमार रोत और नागौर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल जीते हैं।

Q 5. राजस्थान के 5 बड़े चेहरों का क्या हुआ?
वसुंधरा का बेटा जीता, गहलोत का हारा, ओम बिरला, सीपी भी जीत गए
स्पीकर ओम बिरला, भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह जीत गए। जबकि पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और विधानसभा स्पीकर रहे डॉ. सीपी जोशी चुनाव हार गए।

Q 6. 15 सांसदों के टिकट कटे/बदले, क्या हुआ?
11 सांसदों के टिकट कटे, 4 के बदले गए, इनमें 8 सीटों पर हार मिली है
भाजपा ने 11 सांसदों के टिकट काटे और 4 के बदले। इनमें जयपुर, जालोर, उदयपुर व भीलवाड़ा में ही जीत मिली, जबकि चूरू, गंगानगर, झुंझुनूं, भरतपुर, दौसा, करौली-धौलपुर, बांसवाड़ा में हार मिली। बदले गए चेहरों में अलवर, जयपुर ग्रामीण और राजसमंद भाजपा ने जीती, जबकि नागौर में हार मिली।

Q 7. भाजपा की 5, कांग्रेस की 3 सहित कुल 19 महिला प्रत्याशियों में कितनी जीतीं?
16 महिलाएं हारीं, सिर्फ भाजपा की 2 और कांग्रेस की एक को जीत मिली
तीन प्रत्याशी जीतीं। भाजपा की जयपुर से मंजू शर्मा और राजसमंद से महिमा सिंह जीतीं। कांग्रेस की भरतपुर से संजना जाटव चुनाव जीत गईं हैं।

Q 8. सात विधायकों में कितने जीते और अब कितनी विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होगा?
कांग्रेस गठबंधन के 5 विधायक अब सांसद बने, 5 जगह होगा उप चुनाव
कांग्रेस गठबंधन के 6 विधायकों ने चुनाव लड़ा। इनमें कांग्रेस के 3, बीएपी से 1, आरएलपी से एक ने चुनाव जीता। अब देवली, चौरासी, खींवसर, दौसा और झुंझुनूं में विधानसभा एवं एक राज्यसभा सीट (केसी वेणुगोपाल) पर उपचुनाव होंगे।

Q 9. अब अशोक गहलोत, वसुंधरा, राठौड़, किरोड़ी मीणा का भविष्य क्या होगा?
गहलोत, वसुंधरा केंद्र की राजनीति में जा सकते हैं, अन्य पर अभी असमंजस
अमेठी की जीत का श्रेय पूर्व सीएम अशोक गहलोत को मिलेगा। उनकी केंद की राजनीति में सक्रियता बढ़ सकती है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के लिए भी शीर्ष संगठन अगली भूमिका तय करेगा। राजेंद्र राठौड़ के लिए चूरू प्रतिष्ठा की सीट थी और वह भाजपा हार गई है। ऐसे में इनके भविष्य पर असमंजस है। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने 7 सीटों पर हारने पर इस्तीफा देने की बात कही और मंगलवार शाम को उन्होंने इसके संकेत भी दिए हैं।

Q 10. दल बदलने वाले 4 प्र​त्याशी में कितने जीते?
राहुल कस्वां और उम्मेदाराम जीते, गुंजल और मालवीया हार गए
दो जीते। भाजपा से कांग्रेस में आए चूरू सांसद राहुल कस्वां, आरएलपी से कांग्रेस में आए उम्मेदाराम बेनीवाल जीत गए। भाजपा से कांग्रेस में आए प्रहलाद गुंजल, कांग्रेस से विधायकी छोड़ भाजपा में आए महेंद्रजीत सिंह मालवीया हारे।

Q 11. पूर्वी राजस्थान और शेखावाटी में भाजपा को इतनी बड़ी हार क्यों झेलनी पड़ी?
पायलट व डोटासरा असरदार रहे और जातियों के वोट स्विंग से कांग्रेस जीती
पूर्वी राजस्थान की 5 में से 4 सीटों पर गुर्जरों का और शेखावाटी की 3 सीटों पर जाटों का एकमुश्त समर्थन कांग्रेस गठबंधन को मिला है। पूर्वी राजस्थान में सचिन पायलट की पकड़, शेखावाटी में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा बनाए गए माहौल का फायदा मिला। राजपूतों की नाराजगी का भी भाजपा को नुकसान हुआ।

इन्होंने सरप्राइज किया

  • कांग्रेसी से विधायिकी छोड़, भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी बने महेंद्रजीत सिंह मालवीय चुनाव हारे।
  • इस बार एकमात्र संत सीकर से भाजपा के सुमेधानंद मैदान में थे, लेकिन वे भी हार गए।
  • भरतपुर की संजना जाटव प्रदेश की सबसे कम उम्र (26) की सांसद बनीं, झुंझुनूं के बृजेंद्र ओला यहां से सबसे अधिक उम्र (72) के सांसद हैं।
  • किस दल को कितना वोट प्रतिशत

भाजपा-49.24%, कांग्रेस -37.91%, माकपा- 1.97% आरएलपी-1.80%, बसपा- 0.74% मत मिले हैं। -नोटा को 0.84%, अन्य को 7.51% मत

क्या सीटें घटने के कारण मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और ब्यूरोक्रेसी में बदलाव किया जा सकता है ?
करीब 6 माह पहले सीएम की कुर्सी संभालने वाले भजनलाल शर्मा को इन नतीजों से झटका लगा है। फिर भी भाजपा मुख्यमंत्री बदलेगी, ऐसा नहीं लगता। केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें सीएम चुना है। एक तो केंद्रीय नेतृत्व फैसला जल्द नहीं बदलेगा। दूसरे, चुनाव के कारण सरकार को प्रदेश में काम करने का मौका नहीं मिला है। वहीं, मंत्रिमंडल में फेरबदल, विस्तार संभव है, क्योंकि मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं। इसमें कुछ जातियों को एडजस्ट किया जा सकता है। उधर, जुलाई में आने वाले परिवर्तित बजट से पहले ब्यूरोक्रेसी बड़े बदलाव होंगे।

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