एक्ट्रेस बोलीं-चाहती तो IPS बन जाती, सब छोड़कर बॉलीवुड चुना:जयपुर आईं अहाना ने कहा- चुनाव में टिकट भी ऑफर हुआ था, मना कर दिया
एक्ट्रेस बोलीं-चाहती तो IPS बन जाती, सब छोड़कर बॉलीवुड चुना:जयपुर आईं अहाना ने कहा- चुनाव में टिकट भी ऑफर हुआ था, मना कर दिया

जयपुर : सलाम वेंकी, लिपस्टिक अंडर माई बुर्का, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर सहित कई बड़े प्रोजेक्ट्स में नजर आ चुकी एक्ट्रेस अहाना कुमरा सोमवार को जयपुर पहुंचीं। एक इवेंट में शिरकत करने आई अहाना ने अपनी फिल्मी करियर और पर्सनल लाइफ पर बात की। उन्होंने बताया- मुझे मुजफ्फरनगर से टिकट ऑफर हुआ था, लेकिन मुझे पॉलिटिक्स सिर्फ फॉलो करना आता है, पॉलिटिक्स करनी नहीं आती, इसलिए मैंने सम्मान से मना कर दिया था। अगर मैं राजनीति में रुझान रखती तो कभी की यूपीएससी करके पुलिस ऑफिसर (IPS) बन गई होती।
हमारे मीडिया कर्मी से बातचीत में अहाना ने कहा कि जयपुर से बहुत पुराना नाता है। जयपुर आते ही सबसे पहले मैं सेंट्रल पार्क पहुंचती हूं। यहां दौड़ लगाती हूं। उन्होंने ओटीटी सेंसरशिप, बॉलीवुड और राजनीति में मिले ऑफर पर अपनी बात रखी। आगे पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल: जयपुर आकर कैसा लग रहा है, कैसा एक्सपीरियंस रहा?
अहाना कुमरा: यहां आना बेहद खास है। जयपुर अब तो दूसरा घर ही बन गया है। यहां इतने सारे दोस्त हैं। ऐसा लगता ही नहीं है कि कहीं बाहर आई हूं। लगता है कि मैं अपने लखनऊ ही आ गई हूं। लखनऊ के बाद जयपुर ही अपना लगता है।
सवाल: आपने अपने आप को बड़ा सिलेक्टिव रखा है, प्रोजेक्ट का कैसे चयन करते हैं?
अहाना कुमरा: मुझे लगता है कि आप हर चीज नहीं कर सकते। आप हर जगह दिखेंगे तो छप जाएंगे। आपको वही शो करने चाहिए जो दिल को भाए। मुझे ऐसे कम ही प्रोजेक्ट लगते हैं, जो चैलेंज करते हैं। हमेशा अलग करने की कोशिश करती हूं और दर्शकों को कुछ अलग देने की कोशिश करती हूं। उसी के हिसाब से मैं अपने शो उठाती हूं। पिछले दो साल से मैंने कोई शो नहीं उठाया था, क्योंकि मुझे कुछ इंटरेस्टिंग नहीं लगा था। अब जो शो किया है, वह काफी अलग और असरदार है, इसलिए उसे झठ से उठा लिया।

सवाल: कई बार स्ट्रगल नहीं दिखता है, आपको बाहरी होने का कितना नुकसान झेलना पड़ा?
अहाना: हर प्रोफेशन में इनसाइडर और आउटसाइडर होता ही हैं। मेरे बहुत सारे दोस्त हैं, जिनके मां-बाप डॉक्टर्स थे। वे भी डॉक्टर्स बने है। उनकी फैमिली में पुश्तैनी डॉक्टर्स हैं। इंडस्ट्री की बात करें तो बहुत सारे बिजनेसमैन के यहां सीईओ का बेटा सीईओ ही बनता है। वह कुछ और करना चाहेगा तो ही कुछ और करेगा, नहीं तो बिजनेस ही देखेगा। बाप ने ही इंडस्ट्री खड़ी की है तो उनके बच्चे ही संभालेंगे। यह चलन हर प्रोफेशन में है। फिल्म इंडस्ट्री में यह थोड़ा ज्यादा है। फुट इन डोर मिलना यहां थोड़ा मुश्किल रहता है।
मैं यह भी कह सकती हूं कि हमारे पास इतने ऑप्शन आ गए हैं। जैसे टीवी करना है, फिल्म करनी है, वेब सीरीज करनी है। वेब सीरीज में शो अच्छा नहीं होगा तो ऑडियंस नहीं देखेगी। आप चाहे किसी के लड़के या लड़की हो तो उनके लिए भी आसान नहीं होता है।

सवाल: लखनऊ से आपको चुनाव लड़ने के लिए टिकट ऑफर हुआ, इसके बारे में बताएं?
अहाना: मुझे लग रहा था कि मजाक हो रहा है। मैं तो अभिनेता हूं, नेता नहीं हूं, लेकिन आप किसी रीजन में प्रसिद्ध हैं, आप इन्फ्लुएंस करते हैं तो आपको टिकट ऑफर हो जाता है। यह मेरे किरदार के कारण ही हुआ था। मैंने प्रियंका गांधी का किरदार निभाया था, इसलिए मुझे मुजफ्फरनगर से टिकट ऑफर हुआ था। मुझे पॉलिटिक्स सिर्फ फॉलो करना आता है, पॉलिटिक्स करनी नहीं आती, इसलिए मैंने सम्मान से मना कर दिया था।
अगर मैं राजनीति में रुझान रखती तो कभी की यूपीएससी करके पुलिस ऑफिसर (IPS) बन गई होती। मेरी मां पुलिस में है। पूरा खानदान पुलिस में है। मैं सब कुछ छोड़छाड़ के बॉलीवुड में आई हूं। काफी सोच समझ कर इस इंडस्ट्री में एंट्री ली है। बहुत पापड़ बेले हैं, यहां तक आने के लिए।

सवाल: ओटीटी पर सेंसरशिप लगने के मुद्दे पर आपकी क्या राय है?
अहाना: मैंने हमेशा कहा है कि यूट्यूब पर ऐसी-ऐसी चीजें देख सकते हैं, जिन्हें सेंसर नहीं कर सकते थे। आज बच्चे स्मार्ट हो गए हैं। अगर आप उन्हें बोलेंगे कि ये मत देखो, तब तक तो वे उसे देख चुके होंगे। किसी को रोक टोक नहीं सकते हैं, जो देखना होगा वे देखेंगे। आपके रिमोट में ताकत आ गई है। जो आपको पसंद आएगा, वही देखोगे, नहीं तो बदल दोगे। यह बड़ी पावर है। कोई भी जोर जबरदस्ती करके नहीं दिखा सकता। मुझे सेंसरशिप का कोई शौक नहीं है। इस पर बात करना भी अच्छा नहीं लगता है।
सवाल: छोटे शहरों से लोग मुंबई के सपने देखते हैं, आप उन्हें गाइड कीजिए?
अहाना: आप मुंबई आते हैं तो यह मत सोचिए। आपको सब कुछ मिल जाएगा। मुंबई आपको ऐड़ी-चोटी का जोर लगाने के लिए मजबूर कर देता है। आप सपने देखिए और आइए। हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क करना होगा। अपनी पूरी तैयारी करके आइए, ये नहीं कि हाथ उठाकर चले आए। मुंबई और यहां आकर स्ट्रगल करें। फिर लोगों को कहें कि यहां काम नहीं मिलता है। यहां अच्छे अच्छों को काम नहीं मिलता है।

सवाल: देहरादून से शूटिंग करके आई हैं, किस तरह की फिल्म है, इसके बारे में बताएं?
अहाना: यह एक बहुत प्यारी फिल्म है। इसमें रजत कपूर हैं, जो मेरे पिता का रोल कर रहे हैं। पूरब कोहली मेरे पति का रोल कर रहे हैं। बहुत रिलेटेबल फिल्म है। आज के जमाने की फिल्म है। फैमिली फिल्म है। पैरेंट्स देखेंगे तो कनेक्ट करेंगे।
सवाल: आप फिटनेस के लिए जानी जाती हैं, गर्ल्स को आप गाइड कर सकती हैं?
अहाना: जब जयपुर आती हूं तो सबसे पहले सेंट्रल पार्क जाती हूं। 5-6 किलोमीटर भागती हूं। मुझे हमेशा से ही सुबह उठकर भागने का शौक है। कसरत करने का शौक है। हमारी फैमिली की औरतों ने हमेशा से ही कसरत की है। मम्मी पुलिस में है, बहन को भी फिटनेस पसंद है। पापा भी सुबह दौड़ लगाते हैं। घर पर सुबह-सुबह कोई होता ही नहीं है। कसरत करना बहुत जरूरी है। औरतों को लगता है कि जिम जाना जरूरी नहीं होता है, लेकिन महिलाओं से ओस्टो प्रोस्टेट नाम की बीमारी के बारे में लोग बात नहीं करते है। उन्हें लगता है कि जिम जाएंगे तो मसल्स आ जाएंगी। जिम जाएंगे तो बोन स्ट्रॉन्ग होगी तो जितना वेट उठा सकते हैं, उठाएं। जिम जाने से मत कतराइए। सुबह उठकर सूरज को देखिए और प्रणाम कीजिए।