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लेस्बियन पत्नी ने कटर से कटवाई थी पति की लाश:ससुराल नहीं जाना चाहती थी, 2 बहनों के साथ मिलकर मर्डर, गंदे नाले में फेंके टुकड़े


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लेस्बियन पत्नी ने कटर से कटवाई थी पति की लाश:ससुराल नहीं जाना चाहती थी, 2 बहनों के साथ मिलकर मर्डर, गंदे नाले में फेंके टुकड़े

लेस्बियन पत्नी ने कटर से कटवाई थी पति की लाश:ससुराल नहीं जाना चाहती थी, 2 बहनों के साथ मिलकर मर्डर, गंदे नाले में फेंके टुकड़े

जोधपुर : राजस्थान क्राइम फाइल्स में आज कहानी एक पत्नी की, जिसने पहले अपने पति का मर्डर किया और फिर इलेक्ट्रिक कटर से उसकी लाश के टुकड़े करवा दिए। वजह- वो लेस्बियन थी, गांव की ही एक दूसरी महिला के साथ उसके संबंध थे। पति के साथ ससुराल नहीं जाना चाहती थी। इस घिनौने हत्याकांड में उसका साथ दिया उसकी 2 बड़ी बहनों ने। पकड़ी गई तो भी चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। अफसोस था तो बस अपनी बहनों के पकड़े जाने का। बोली- ‘मुझे पता होता कि बहनें फंस जाएंगी तो पति को कहीं और ले जाकर जहर का इंजेक्शन लगा देती।’

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

सीमा वेटरनरी नर्स (LSA) की पोस्ट पर नागौर के गगराना गांव में जाॅब करती थी।
सीमा वेटरनरी नर्स (LSA) की पोस्ट पर नागौर के गगराना गांव में जाॅब करती थी।

11 अगस्त 2020 का दिन था। सुबह के 9 बजे थे। जोधपुर के बनाड़ एरिया में स्थित नांदड़ी गोशाला के पीछे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर रोज की तरह सुपरवाइजर पूनमचंद वाल्मीकि और ऑपरेटर पप्पू मंडल सफाई कर रहे थे। सीवरेज पाइप लाइन में गंदे पानी के साथ एक प्लास्टिक की थैली बाहर आई। थैली खोलकर देखी तो उसमें इंसान के कटे हुए हाथ-पैर थे।

पूनमचंद और पप्पू के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने इसकी जानकारी बनाड़ पुलिस थाने में दी। बनाड़ पुलिस थाने से ASI गोरधनराम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हाथ-पैर देखने पर ऐसा लग रहा था कि इन्हें किसी मशीन से काटा है। पुलिस टीम ने शव के दूसरे टुकड़ों की खूब तलाश की लेकिन सफल नहीं हो पाए।

इसके बाद अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज शव के टुकड़े एमजीएच हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में भिजवा दिए। देर शाम सीवरेज प्लांट में एक और प्लास्टिक की थैली मिली। थैली में युवक का सिर था, लेकिन धड़ अभी भी नहीं मिल पाया था।

सुशील और सीमा की शादी साल 2013 में हो गई थी। हालांकि गौना नहीं हुआ था।
सुशील और सीमा की शादी साल 2013 में हो गई थी। हालांकि गौना नहीं हुआ था।

प्लास्टिक की थैलियों से मिला सुराग

पुलिस को शव के टुकड़े जिन प्लास्टिक की थैलियों में मिले थे, उनमें से एक पर आनंदपुर-कालू गांव की दुकान तो दूसरी पर मेड़ता सिटी की दुकान का नाम लिखा हुआ था।

ऐसे में ये साफ था कि मरने वाले का या मारने वाले दोनों में से किसी का इन जगहों से कनेक्शन है। पुलिस ने आस-पास के थानों के साथ ही इन दोनों पुलिस स्टेशन में पिछले दिनों में हुई गुमशुदगी की रिपोर्ट तलाशी। पता चला कि मेड़ता पुलिस स्टेशन एरिया में एक युवक 10 अगस्त से गायब है। जांच में सामने आया कि मूल मेड़ता सिटी के खाखड़की गांव के चूने-भट्टे के व्यापारी नेमाराम जाजड़ा जोधपुर जिले के बोरुंदा में रहते थे। उनका इकलौता बेटा चरण उर्फ़ सुशील मेड़ता सिटी के खुड़ी कलां गांव में कृषि अधिकारी था।

ड्यूटी के लिए निकला, वापस नहीं लौटा

10 अगस्त की सुबह सुशील अपने पिता नेमाराम जाजड़ा को ड्यूटी पर जाने की कहकर बाइक लेकर निकला था। इसके बाद वो वापस नहीं लौटा था। सुशील का का मोबाइल भी बंद आ रहा था। ऐसे में नेमाराम ने मेड़ता सिटी पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। क्योंकि उन्हें डर सता रहा था कि चूना-भट्टे के व्यापार में किसी विवाद में बेटे के साथ कोई अनहोनी न हो गई हो।

पुलिस ने सुशील के ममेरे भाई राजेंद्र को जोधपुर एमजीएच हॉस्पिटल बुलाया और सीवरेज प्लांट में मिले शव टुकड़ों व सिर की शिनाख्त करवाई। ये क्लियर हो गया कि शव चरण उर्फ सुशील जाजड़ा का ही है। इसके बाद पोस्टमार्टम करवा पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए शव खाखड़की गांव रवाना कर दिया।

सीमा की बहन प्रियंका भी इस मर्डर में शामिल थी।
सीमा की बहन प्रियंका भी इस मर्डर में शामिल थी।

सीसीटीवी फुटेज में दिखी सुशील की सालियां

सुशील सरकारी नौकरी में था और बड़े चूना भट्‌टा व्यापारी का बेटा था। ऐसे में पुलिस पर जल्द से जल्द मर्डर के खुलासे का दबाव था। वहीं पुलिस शव का धड़ भी नहीं ढूंढ पाई थी। इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि सुशील की बाइक मेड़ता सिटी में पब्लिक पार्क के बाहर खड़ी है। पुलिस ने इस इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले ताे दो लड़कियां बाइक लेकर आते और मेड़ता सिटी के पब्लिक पार्क के बाहर छोड़कर जाते हुए दिखीं। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि ये दोनों लड़कियां सुशील की पत्नी सीमा की बहनें प्रियंका और बबिता हो सकती हैं। दोनों जोधपुर के नांदड़ी इलाके में ही किराए के मकान में रह रही थीं।

बचपन में तय हो गया था सुशील और सीमा का रिश्ता

पुलिस पूछताछ में नेमाराम ने बताया कि उन्होंने अपने इकलौते बेटे चरण उर्फ सुशील का बचपन में ही बोरुंदा के रहने वाले किसान पोकरराम की बेटी सीमा से रिश्ता तय कर दिया था। इसके बाद सीमा को भी अपनी ही बेटी मानते हुए पढ़ाया और लिखाया। सुशील ने IBPS का एग्जाम क्लियर किया और उसे उत्तरप्रदेश के अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक में फील्ड ऑफिसर की पोस्ट पर जॉइनिंग मिल गई। वहीं सीमा की भी वेटरनरी नर्स (LSA) की पोस्ट पर नागौर के गगराना गांव में जाॅब लग गई। सीमा को ड्यूटी पर आने-जाने के लिए नेमाराम ने स्कूटी भी दिलाई थी। इस बीच साल 2013 में सुशील व सीमा की शादी भी कर दी गई। हालांकि, दोनों का गौना नहीं हुआ था और सीमा को ससुराल नहीं भेजा गया था।

सीमा ने ये कप सुशील को गिफ्ट किया था। इस पर सुशील का फोटो था और अंग्रेजी में लिखा था- तुम ही मेरे आज हो और तुम ही मेरे कल हो।
सीमा ने ये कप सुशील को गिफ्ट किया था। इस पर सुशील का फोटो था और अंग्रेजी में लिखा था- तुम ही मेरे आज हो और तुम ही मेरे कल हो।

पिता के कहने पर नौकरी छोड़ आया था राजस्थान

नेमाराम इकलौते बेटे के खुद से दूर उत्तरप्रदेश में जॉब करने से खुश नहीं थे। उन्होंने सुशील को ये नौकरी छोड़ राजस्थान में ही कुछ करने की बात कही। सुशील ने दूसरे जॉब के लिए तैयारी शुरू कर दी और कृषि अधिकारी के तौर पर नागौर के मेड़ता सिटी में जॉब लग गई। सुशील के राजस्थान लौटने के बाद से ही वो और उसका परिवार सीमा को गौना करवाकर ससुराल लाने वाले थे।

तीनों बहनों पर हो गया था शक

पुलिस जांच में ये तो साफ हो गया था कि सुशील के मर्डर में पत्नी सीमा और दोनों सालियों प्रियंका और बबीता का हाथ है, लेकिन हत्या क्यों और कैसे की, इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नहीं था। ऐसे में सबसे पहले प्रियंका और बबीता और इसके बाद सीमा को भी पुलिस स्टेशन लाया गया। पहले तो पुलिस नार्मल तरीकों से तीनों बहनों से पूछताछ करती रही। तीनों मामले में खुद का हाथ होने से साफ इंकार करती रहीं।

इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और सुशील की लास्ट लोकेशन जैसे एविडेंस उनके सामने रखे। इसके बाद तो तीनों बहनें टूट गई। उन्होंने जो खुलासा किया उसने पुलिस को भी हैरान करके रख दिया था।

शादी के 7 साल बाद भी अलग रहते थे

पूछताछ में सामने आया कि सुशील और सीमा की शादी को सात साल हो गए थे, लेकिन गौना नहीं हुआ था। सीमा लेस्बियन थी और उसके एक दूसरी महिला के साथ संबंध थे।

उसने बताया कि वो ससुराल नहीं जाना चाहती थी, लेकिन सुशील उसे अपने साथ ले जाने के लिए लगातार दबाव बना रहा था। दोनों के परिजनों के बीच कुछ विवाद भी चल रहा था।

पुलिस की गिरफ्त में हत्या की आरोपी तीनों बहनें और भींयाराम।
पुलिस की गिरफ्त में हत्या की आरोपी तीनों बहनें और भींयाराम।

सीमा सुसाइड करने वाली थी, बहनों ने मर्डर के लिए तैयार किया

सीमा अपनी बहनों में सबसे छोटी थी। खुद पर लगातार बढ़ते दबाव के बाद सुसाइड करने की सोची और नींद की गोलियां और इंजेक्शन ले आई। यह देख उसकी बड़ी बहनों प्रियंका व बबीता ने कहा- ‘तू ऐसा क्यों करेगी। तुझे जो परेशान कर रहा है, उसे ही मार देंगे।’ इसके बाद तीनों ने मिल सुशील के मर्डर की प्लानिंग की। सीमा की बड़ी बहन बबीता एएनएम करने के बाद बीए कर रही थी और जोधपुर में नौकरी भी कर रही थी। प्रिया ने बीए कर रखा है।

बबीता और प्रियंका दोनों ही अपने पतियों को छोड़ चुकी थीं। प्रियंका ने अपने साथ काम करने वाले नागौर के खींवसर निवासी भीयांराम जाट को भी इस साजिश में शामिल कर लिया। प्लानिंग में चारों ने ये तय कर लिया था कि सुशील का मर्डर करने के बाद शव के टुकड़े कर अलग-अलग एरिया के नालों में बहा देंगे ताकि कभी न तो शव की शिनाख्त हो पाए और न ही मर्डर का खुलासा हो पाए।

नींद की गोलियों से बेहोश कर घोंटा गला

सीमा ने सुशील उर्फ चरण को जोधपुर अपनी बहनों के पास घूमने चलने का कहकर बुलाया था। ये बात सुशील ने घर पर नहीं बताई और ड्यूटी पर जाने का कह कर सीमा के साथ चला गया। सीमा अपनी स्कूटी पर बोरुंदा आई और वहीं अपनी स्कूटी छोड़ दी। इसके बाद सुशील की बाइक पर दोनों जोधपुर में सीमा की बहनों के घर आ गए।

वहां चरणसिंह को पहले कोल्डड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी और इसके बाद शराब भी पिला दी। कुछ देर में चरणसिंह बेहोश हो गया। इसके बाद तीनों बहनों ने उसे नशे का इंजेक्शन लगाया और उसके हाथ की नसें काट दी। इसके बाद मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

इलेक्ट्रिक कटर से शव के 6 टुकड़े किए

इसके बाद तीनों बहनें सीमा, प्रियंका और बबिता चरणसिंह की बाइक लेकर वहां से निकल गईं। सीमा को बोरूंदा में उतारकर प्रियंका व बबिता मेड़ता सिटी पहुंची। वहां पब्लिक पार्क के पास बाइक खड़ी कर वापस जोधपुर चली गई। शव काटने के लिए उन लोगों ने एक इलेक्ट्रिक कटर भी खरीदा था। सुशील के शव को प्रियंका, बबीता और भींयाराम घसीटकर बाथरूम में ले गए।

उसके सर, कोहनी से ऊपर के दोनों हाथ और घुटनों से नीचे के दोनों पैर इलेक्ट्रिक कटर से काटे। सभी 6 टुकड़ों को तीन अलग-अलग प्लास्टिक थैलियों में भरा और रात में ही तीन थैलियों काे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के मेनहाेल में फेंक दिया। इसके बाद वापस आकर घर को अच्छे से साफ किया। अगली सुबह दोनों बहनें निश्चिंत हो गई और चाय बनाकर आराम से घर में बैठ गई थीं।

इकलौते बेटे सुशील के मर्डर के बाद नेमाराम पूरी तरह से टूट गए हैं।

पुलिस पहुंची तब भी दोनों कॉन्फिडेंट थी कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाएगा। इधर, पूछताछ में हुए इस खुलासे के बाद पुलिस ने भीयांराम जाट को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस काे आरोपियों की निशानदेही पर सुशील का धड़ मंडोर नौ मील इलाके में पुलिया के पास मिला।

इधर गिरफ्तारी के बाद सीमा ने पुलिस को बताया कि मैंने अपनी बहनों काे फंसा दिया। अगर मैं सुशील काे किसी अन्य जगह ले जाकर नींद की गाेलियां और जहर का इंजेक्शन देकर मार देती ताे आज मेरी बहनों का जीवन बर्बाद नहीं हाेता। पुलिस पूछताछ में ये भी सामने आया था कि जोधपुर के पालासनी में पोस्टेड पशु चिकित्सक डॉक्टर राजेश चितारा ने सीमा को नींद की गोलियां और नशे का इंजेक्शन दिया। पुलिस ने डॉक्टर राजेश चितारा को भी बुलाकर पूछताछ की तो उसने नींद की गोलियां और नशे का इंजेक्शन खरीदकर सीमा को देना कबूल कर लिया। इस पर राजेश चितारा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

इकलौते बेटे की हत्या के बाद बर्बाद हो गया नेमाराम का परिवार

सुशील के मर्डर के बाद नेमाराम का पूरा परिवार बदहाल हो गया है। बोरुंदा में उनके चूना भट्टे और घर पर ताला लग गया है। वो अब अपने गांव खाखड़की में रहते हैं। कभी करोड़ों का व्यापार करने वाले नेमाराम अब गांव में ही छोटा सा ढाबा चलाते हैं। हमारे मीडिया कर्मी से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि ‘मैंने तो उसे बेटी समझकर पढ़ाया-लिखाया और सरकारी नौकरी भी लगवाई। उसी ने मेरा सब कुछ तबाह कर दिया। मुझे पता ही नहीं था कि बेटी के रूप में मैंने सांप पाल लिया था और उसने मुझे ही डस लिया।’

नेमाराम ने हमारे मीडिया कर्मी से बातचीत में कहा- ‘अब कोई हसरत और इच्छा नहीं बची है। व्यापार में मन नहीं लगता है तो सब कुछ बंद कर दिया। कहीं पर आना-जाना भी बंद कर दिया है। एक कमरे में बेटे सुशील का मंदिर बना कर उसकी पूजा करता हूं। यहीं घर में ये ढाबा इसलिए किया है कि टाइम कटता रहे। सुशील की याद न सोने देती है और न ही जगने देती है।’

कोर्ट ट्रायल में अभी गवाहों के बयान हो रहे

कोर्ट में पीपी एडवोकेट ओमप्रकाश ने बताया कि फिलहाल इस केस में कोर्ट में एविडेंस प्रोसेस चल रही है। गवाहों के बयान करवाए जा रहे हैं। इस मामले में सामने आया था कि पत्नी सीमा अपने पति सुशील उर्फ चरण को अपनाना नहीं चाह रही थी और उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। उसके लेस्बियन होने की बात भी सामने आई थी। हत्या के इन कारणों के ये आरोप फिलहाल कोर्ट में सत्यापित करवाए जाने के लिए प्रोसेस चल रही है। एडवोकेट ओमप्रकाश ने बताया कि मामले में 69 गवाह हैं जिनमें से 11 के बयान हो चुके हैं।

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