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हर कार्यक्रम में बजते रहते हैं तेज आवाज में साउंड सिस्टम, नहीं होती कार्रवाई


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हर कार्यक्रम में बजते रहते हैं तेज आवाज में साउंड सिस्टम, नहीं होती कार्रवाई

डीजे की तेज आवाज सेहत के लिए हानिकारक, फिर भी नहीं मान रहे लोग

नवलगढ़ : डीजे या लाउड स्पीकर की तेज आवाज़ कभी-कभी लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके बावजूद हर कार्यक्रमों में डीजे का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। कहने को तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे सहित किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना प्रतिबंधित है। लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा। नियमों को ताक पर रखकर रातभर तेज आवाज के साथ डीजे व अन्य साउंड सिस्टम बजते रहते हैं। इस बात की ना तो किसी को चिंता होती और ना ही किसी को पता रहता है कि कार्यक्रम में बजने वाले साउंड सिस्टम और डीजे की ध्वनि की तीव्रता कितनी होनी चाहिए।

सिर पर मटका रखकर नाच रहा था मामा, गिरने से मौत

नवलगढ़.. लोछबा की ढाणी में पांच दिन पहले शादी की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गई, जब भात भरने आए मामा की नाचते हुए अचानक गिरने से मौत हो गई। इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है। चिकित्सकों ने उसकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट माना है। घटना 20 अप्रैल की है। ढाका की ढाणी निवासी कमलेश ढाका (53) की भांजी की शादी 19 अप्रेल को और भांजे की शादी 21 अप्रेल को थी। कमलेश भात भरने के लिए लोछबा की ढाणी गया था। भात भरने के बाद 20 अप्रेल को शाम चार बजे चाक पूजन का कार्यक्रम था। इस दौरान डीजे की आवाज पर मामा कमलेश सिर पर मटका रखकर नाच रहा था। नाचते नाचते वह अचानक जमीन पर गिर गया। परिजन उसे लेकर नवलगढ़ के राजकीय जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने कमलेश की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट (अचानक हृदय द्वारा रक्त की पंपिंग बंद कर देना) बताया।

परिजनों ने बताया कि कमलेश की तीन बच्चे हैं। जिसमें से दो बेटियों की शादी हो चुका है। जबकि बेटा पढाई कर रहा है। वहीं कमलेश की तीन बहने हैं। जिसमें सबसे छोटी बहन संतरा देवी के बेटे की शादी थी। कमलेश के तीन और छोटे भाई हरिराम, इंद्राज और सहीराम हैं।

कमलेश के पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि वे काफी खुशमिजाज इंसान थे। वे कस्बे में एक गैस एजेंसी पर काम करते थे। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। वे खूब हंसी मजाक करते थे और नाचने-गाने में भी रुचि थी। घटना के दिन भी कमलेश मस्ती में नाच रहे थे। कमलेश के दो बेटियां व एक बेटा है।

एक्सपर्ट व्यू…

हार्ट बीट को बाधित करती है डीजे की तेज आवाज

एक निश्चित वॉल्यूम के बाद अधिक तीव्रता से बजने वाले साउंड सिस्टम के कारण व्यक्ति की सुनने की क्षमता, नींद, दिमागी संतुलन तथा हृदय पर बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। डीजे की धमाधम आवाज व वाइब्रेशन की वजह से व्यक्ति की हार्ट बीट तो डिस्टर्ब होती है, इसके अलावा हृदय की रिदम बिगड़ने से इलेक्ट्रीकल इम्पल्स प्रभावित होती है जिससे अचानक हार्ट पंपिंग बंद हो जाती है और अधिकतर घटनाओं में मौके पर ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। हालांकि हार्ट द्वारा पंपिंग बंद होना या यूं कहें कि कार्डियक अरेस्ट के स्वास्थ्य से जुड़े और भी कारण हो सकते हैं। लेकिन तेज ध्वनि भी विशेष कारण होती है। इसलिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का सीमित समय के लिए और सीमित वॉल्यूम पर ही उपयोग होना चाहिए।

इनका कहना है…

बिना परमिशन के वाहनों पर डीजे लगाने पर कार्रवाई कर चालान काटे जाते हैं। वॉयस निर्धारित करने का काम हमारा नहीं है। धूआं प्रदूषण पर कार्रवाई की जाती है। ~~मक्खनलाल जांगिड़, डीटीओ झुंझुनूं

अधिकतर डीजे संचालकों के पास परिवहन विभाग से भी अनुमति नहीं होती है। क्योंकि यह लोग पिकअप गाडियों को मोडिफाई करके डीजे सिस्टम लगवा लेते हैं। जो परिवहन विभाग के नियमों के विरूद्ध है। किसी भी कार्यक्रम में रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक डीजे सहित ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णतया प्रतिबंधित है। डीजे का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य पर तो दुष्प्रभाव डालता ही है उसके अलावा सामाजिक ताने बाने में भी कहीं न कहीं नकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रबंधित समय व तेज आवाज में बिना अनुमति डीजे बजाने वाले ऑपरेटरों पर शिकायत मिलने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य में परिवहन विभाग की मदद ली जाएगी।

~~सीआई अशोक चौधरी, थानधिकारी नवलगढ़

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