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जिले की 3 सीटों ने भाजपा की बढ़ाई मुश्किलें:आपसी फुट से चुनाव में राह नहीं आसान, घोषित किए प्रत्याशियों का विरोध तेज


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

जिले की 3 सीटों ने भाजपा की बढ़ाई मुश्किलें:आपसी फुट से चुनाव में राह नहीं आसान, घोषित किए प्रत्याशियों का विरोध तेज

जिले की 3 सीटों ने भाजपा की बढ़ाई मुश्किलें:आपसी फुट से चुनाव में राह नहीं आसान, घोषित किए प्रत्याशियों का विरोध तेज

झुंझुनूं : भाजपा के लिए झुंझुनूं जिले की सातों सीटों को भेदना आसान नहीं होगा। बीजेपी ने दो लिस्टों में झुंझुनूं की 5 सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए है। लेकिन तीन सीटों पर जमकर विरोध सामने आ रहा है। ऐसे में बीजेपी की जिले की तीन सीटों पर राह आसान नजर नहीं आ रही। पार्टी में आपसी विरोध के कारण भाजपा के लिए यहां काफी मुश्किलें है।

राजेन्द्र भांबू ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव का किया ऐलान
राजेन्द्र भांबू ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव का किया ऐलान

पहली लिस्ट में झुंझुनूं और मण्डावा सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। इन दोनों सीटों पर जबरदस्त विरोध है। अब सूरजगढ़ सीट पर भी भाजपा खेमों में बंट गई है। भाजपा की टिकट मांग रहे युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य सतीश गजराज ने चुनाव में ताल ठोक दी है। सतीश गजराज के मैदान में उतरने से भाजपा के लिए कहीं ना कहीं टेंशन खड़ी हो सकती है।

सतीश गजराज ने सूरजगढ़ से भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव का किया ऐलान
सतीश गजराज ने सूरजगढ़ से भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव का किया ऐलान

पूर्व सांसद संतोष अहलावत की टिकट का सतीश गजराज ने विरोध कर रहे है। गजराज ने रायशुमारी कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर भाजपा की धड़कनें बढ़ा दी है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गजराज ने कहा कि भाजपा ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है, उस पर विचार करें। अन्यथा कार्यकर्ताओं की मांग पर निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा।

सूरजगढ सीट पर पूर्व सांसद का विरोध

इस सीट से जिला परिषद सदस्य सतीश गजराज टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने पूर्व सांसद संतोष अहलावत को प्रत्याशी बनाया है। यहा भाजपा ने मौजूदा विधायक सुभाष पूनिया की टिकट काट दिया गया है। जिले की सात सीट में से यही एकमात्र सीट बीजेपी के पास थी। हालांकि टिकट कटने पर विधायक का अभी तक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सतीश गजराज विरोध पर उतार आए है। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है।

झुंझुनूं में पूर्व प्रत्याशी ने मुश्किले बढ़ाई

झुंझुनूं बीजेपी ने पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र भाम्बू टिकट काटकर बबलू चौधरी (निषित कुमार) को मैदान में उतारा है। जबकि पिछली बार बबलू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। ऐसे में टिकट का भारी विरोध है। भांबू निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है। 9 बार की विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने भी बबलू की टिकट का विरोध किया है। जबकि निर्दलीय लड़ रहे राजेंद्र भांबू को समर्थन दिया है। ऐसे में इस बात से इंकार नही किया जा सकता की राजेंद्र भांबू झुंझुनूं से भाजपा का समीकरण बिगाड़ेंगे।

सतीश गजराज की सभा में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग
सतीश गजराज की सभा में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग

मंडावा में सांसद का विरोध

इस सीट पर भाजपा ने झुंझुनूं सांसद को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन सांसद का भी विरोध है। पूर्व प्रत्याशी सुशीला सीगड़ा व प्रधान गिरधारी खीचड़ टिकट का विरोध कर चुके है। यहां तक गिरधारी खीचड़ ने प्रेस कॉफ्रेंस में कार्यकर्ता सम्मेलन कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इस सीट पर हार जीत मामूली ही अंतर से होती है। ऐसे में अगर गिरधारी चुनाव लड़ते है तो यहा भाजपा के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।

2018 के चुनाव में महज 2 सीट जीत पाई बीजेपी, रह गई महज 1 सीट

पिछले विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा जिले की 7 सीट में से 2 सीटों पर ही चुनाव में जीत पाई थी। हालांकि 2019 में हुए उपचुनाव में भाजपा एक सीट हार गई। मण्डावा में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने यह सीट भी गंवा दी थी। जिसके बाद भाजपा का महज एक सीट सूरजगढ़ पर कब्जा है।

फिलहाल भाजपा ने जिले की पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए है। पिलानी और खेतड़ी में अभी भी प्रत्याशी घोषित करने बाकी है। 2018 के चुनाव में भाजपा दोनों ही सीट पर चुनाव हार गई थी। इन सीटों पर बीजेपी के लिए जिताऊ उम्मीदवार की घोषणा किसी चुनौती से कम नहीं है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी चार ही सीट पर प्रत्याशी घोषित किए है। जिसमें झुंझुनूं से बृजेन्द्र सिंह ओला, नवलगढ़ राजकुमार, सुरजगढ़ से श्रवण कुमार और मण्डावा से रीटा को प्रत्याशी बनाया है। चारों को ही कांग्रेस ने रिपीट किया है।

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