झुंझुनूं-चिराना : धार्मिक स्थल लोहार्गल की पहाड़ियों में वर्तमान में हो रही अच्छी वर्षा के चलते प्रकृति के दिलकश नज़ारे देखने को मिल रहे है। एक तो सावन का महीना और उसमे अच्छी बारिश ने श्रद्धालुओ की संख्या के साथ पर्यटन प्रेमियों को लोहार्गल की पहाड़ियों में चलने वाले झरनो ने अपनी और आकर्षित करना शुरू कर दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग यहाँ पर पहुंच रहे है। चिराना के आसपास के क्षेत्र में कल से हो रही है जमकर बरसात होने से लोहार्गल की पहाड़ियों में झरना चलना शुरू हो गए हैं जिसमे युवा झरने में स्नान का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे है।
वही अच्छी बारिश के चलते कोट बांध की चादर भी अभी अभी चलनी शुरू हो चुकी है। कोट बांध भरने की क्षमता पूरी हो गई है। चिराना की पहाड़ियों से बादल अठखेलिया करते हुए दिखाई दे रहे है। इन्ही दिलकश नजारो का आनंद लेने के लिए युवा बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। साथ ही शेखावाटी की गंगा और क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली काटली नदी भी अपने उद्गम स्थान से निकल पड़ी है। मिल रही जानकारी के अनुसार काटली का बहाव आज धोबी घाट को क्रॉस कर सकता है। स्थानीय लोगो के अनुसार २० साल बाद काटली नदी के बहाव के दर्शन हुए है।
झुंझुनूं में कहां, कितनी बरसात हुई
झुंझुनूं जिले में शनिवार को जमकर बरसात हुई। सर्वाधिक बरसात गुढ़ागौड़जी में 140 एमएम दर्ज की गई। उदयपुरवाट में हर तरफ ताल तलैया लबालब हो गए। चारों तरफ खुशियां छा गई। कोट बांध भी पूरा भर गया।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में शनिवार को कई स्थानों पर जोरदार बारिश हुई। कई सालों के रेकॉर्ड टूट गए। कोट बांध लबालब हो गया। तेज बारिश से 95 साल बाद बांडिया नाला में पानी की आवक हुई है। छऊ में शुभकरण मेघवाल ( 65) की भैंस जोहड़ में चली गई। उसे बाहर निकालने के लिए शुभकरण जोहड़ के पास गया तो उसका पैर फिसल गया और पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। गुढागौड़जी के मुख्य बाजार तेज पानी की आवक से बाइक बहती दिखी और कई जगह दीवारें ओर मकान गिर गए। रघुनाथपुरा में इंद्रा कॉलोनी में बारिश से गुसाईं महाराज का मंदिर गिर गया । जहाज के पहाड़ में बहने वाली कोछर, पोंख कोलवा की पहाड़ियों व मनसा माता के पहाड़ों में झरने बहने लगे। पोंख की पहाड़ियों में बने बांध में भी पिछले 10 वर्ष बाद लगभग 5 फीट पानी आया।
पचलंगी इलाके के मणकसास खोह मनसा माता के पहाड़ों में जल संरक्षण विभाग की ओर से एनीकट बनाया गया है। इसमें शनिवार को 4.5 मीटर पानी आ गया। एनीकट का भराव देखने के लिए उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी मौके पर पहुंचे। अधिशासी अभियंता भोलाराम जाट ने बताया कि एनीकट की भराव क्षमता 6 मीटर है। उधर पोंख की पहाड़ियों में बने बांध में भी पिछले 10 वर्ष बाद शनिवार को आई बारिश से लगभग 5 फीट पानी आया। वहीं सराय नदी का बहाव भी रहा। बहाव तेज होने के कारण नीमकाथाना – बाघोली सड़क मार्ग कई देर तक अवरुद्ध रहा।
कहां कितनी बारिश, एमएम में तहसील बरसात
गुढ़ागौड़जी 140
नवलगढ़ 113
उदयपुरवाटी 106
सूरजगढ़ 58
बिसाऊ 55,
मंडावा 53
मलसीसर 51
खेतड़ी 31
झुंझुनूं 22
चिड़ावा 17
बुहाना 16
पिलानी 9