जयपुर : ‘प्री प्लांड’ था बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का लाल डायरी लहराना, पहले ही था ऐलान ‘विधानसभा में करूंगा धमाल’
राजस्थान विधानसभा में 'लाल डायरी' लहराने का मामला, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र राठौड़ का सदन में जमकर हंगामा, पूरी तैयारी के साथ आए थे गुढ़ा... और हो गया बवाल, शनिवार और रविवार को किया था 'लाल डायरी' का ज़िक्र, विधानसभा में धमाल मचाने का पहले ही कर दिया था ऐलान
जयपुर : राजस्थान विधानसभा में बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के ‘लाल डायरी’ लहराने का मामला गरमा गया है। दरअसल, गुढ़ा ने इस लाल डायरी के साथ सदन में अचानक धमाका किया ऐसा नहीं है। उन्होंने इस बारे में तभी अपनी मंशा थी, जब सरकार ने उन्हें बीते दिनों राज्य मंत्री पद से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे। उसी दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत में कह दिया था कि वे सोमवार को सदन में कोई बड़ा धमाका करने वाले हैं।
विधानसभा में करूंगा धमाल
गुढा ने पहले शनिवार को, फिर रविवार को भी कहा था कि सोमवार को विधानसभा में जमकर धमाल करूंगा। उन्होंने कहा कि वहां जो बोलता है, वही मरता है। मैं बोल गया तो मैं मर गया। गुढ़ा ने कहा कि मुझे बर्खास्त करने के बाद अब बोल रहे हैं कि गुढ़ा भाजपा से मिला हुआ है। वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत मिलते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती। आज सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के सांसद नरेंद्र खीचड़ मेरे साथ बैठे हैं तो दिक्कत खड़ी हो जाएगी। गुढ़ा ने कहा कि मैं कभी भी भाजपा से चुनाव नहीं लड़ूंगा।
‘मैं नहीं होता तो जेल में होते गहलोत’
झुंझुनूं जिले के गुढ़ा बावनी व बामलास गांव में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने ‘लाल डायरी’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज मैं नहीं होता तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जेल में होते। गहलोत ने डायरी के लिए बोल कर मुझसे डकैती कराई थी। मुख्यमंत्री ने उस दिन मुझसे कहा था कि गुढ़ा आज मेरा सब कुछ तुम्हारे हाथ में है, इसलिए 150 सीआरपीएफ जवानों के बीच में से निकल कर नौवीं मंजिल से वह डायरी निकाल कर लाया। मैंने वो डायरी नहीं निकाली होती तो आज गहलोत साहब जेल में होते। मुख्यमंत्री के पद पर नहीं होते। गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद ने कहा था कि आज राजेन्द्र गुढ़ा नहीं होता तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जज भी कोई फैसला करते हैं तो पूरी प्रक्रिया अपनाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो मेरे से कुछ भी नहीं पूछा। एक झटके में ही उड़ा दिया। मुझसे बोलते तो मैं इस्तीफा दे देता। गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छल से मुझसे बोल कर गिर्राज मलिंगा को बुलाया और गिरफ्तार करा दिया। इस कारण मेरे और मलिंगा के बीच नफरत की दीवार बन गई।
60 लाख का था ऑफर
गुढ़ा ने कहा कि मेरे पास 60 लाख का ऑफर था, लेकिन मुख्यमंत्री के कहने पर हमने राज्यसभा सांसद के वोट डाले थे। आत्महत्या करने वाले एक युवक ने महेश जोशी पर आरोप लगाए। उनके बेटे ने जो कृत्य किए, किसी से छिपे नहीं है।
विपक्ष हो रहा हमलावर
राजस्थान विधानसभा में बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के ‘लाल डायरी’ लहराने का मामला गरमा गया है। विपक्ष ने अब इसे मुद्दा बनाकर गहलोत सरकार को चौतरफा घेरकर अटैक करने रणनीति पर काम कर ना शुरू कर दिया है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक से इस ‘लाल डायरी’ को लेकर सरकार को घेरने में भाजपा लग गई है।
जनता जानना चाहती है राज़ : राजेंद्र राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का चिट्ठा है। जो राजेन्द्र गुढ़ा कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री के आंखों के तारे थे, आज वो ही उनके लिए आंखों की किरकिरी बन गए हैं। विधायक विधानसभा में नहीं बोलेगा तो फिर कहां बोलेगा ?
राठौड़ ने कहा कि जब चुने हुए प्रतिनिधि को लोकतंत्र के मंदिर में ही जाने नहीं दिया जा रहा है, उनकी आवाज दबाई जा रही है तो जनता के विरोध की आवाज के साथ क्या सलूक किया जाएगा यह भलीभांति समझा जा सकता है। प्रदेश जानना चाहता है, लाल डायरी का सच क्या है? राजस्थान में लोकतंत्र तार-तार हो रहा है…!