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गिव-अप योजना में 31 दिसंबर तक अपात्र हटवा लें नाम:रसद अधिकारी बोले- 30.57 रुपए प्रति किलो की दर से होगी वसूली


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गिव-अप योजना में 31 दिसंबर तक अपात्र हटवा लें नाम:रसद अधिकारी बोले- 30.57 रुपए प्रति किलो की दर से होगी वसूली

गिव-अप योजना में 31 दिसंबर तक अपात्र हटवा लें नाम:रसद अधिकारी बोले- 30.57 रुपए प्रति किलो की दर से होगी वसूली

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए चल रहे ‘गिव अप अभियान’ ने अब निर्णायक चरण में है। जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया कि विभाग ने बड़े स्तर पर अपात्र राशन कार्डधारकों को नोटिस जारी किए हैं, ताकि वे स्वयं इस योजना से बाहर होकर वास्तविक पात्र लोगों के लिए रास्ता बना सकें।

लास्ट डेट 31 दिसंबर

विभाग की ओर से दी गई अंतिम समय सीमा 31 दिसंबर तय की गई है, जिसके बाद भी यदि कोई अपात्र अपने स्तर पर नाम नहीं हटवाता है, तो उससे नियमों के अनुसार प्रति किलोग्राम 30.57 रुपए की दर से वसूली की जाएगी। वर्तमान में कुल 16,715 राशन कार्ड पंजीकृत हैं। इन कार्डों में दर्ज कुल यूनिटों की समीक्षा की गई तो लगभग 1,40,112 यूनिट ऐसे पाए गए, जिन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से हटाए जाने की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है।

गिव अप नहीं किया तो नोटिस मिलेगा

डॉ. राठौड़ ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य उन लाभार्थियों की पहचान करना है जो सरकारी मानकों के अनुसार पात्र नहीं हैं, लेकिन फिर भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर रखा है कि जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है, जिनके पास चार पहिया वाहन, बड़ी कृषि भूमि, पक्के मकान या अन्य आर्थिक संसाधन उपलब्ध हैं, वे खाद्य सुरक्षा योजना में नहीं आ सकते। ऐसे लोग यदि अपनी इच्छा से योजना से बाहर नहीं आते, तो विभाग उन्हें नोटिस जारी कर कार्रवाई करता है।

हजारों परिवार स्वेच्छा से नाम हटवा चुके

अभियान के तहत अब तक हजारों परिवारों ने स्वेच्छा से अपने नाम हटवाएं हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें नोटिस मिलने के बाद लाभार्थियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए खुद को योजना से अलग करवाया। डॉ. राठौड़ ने बताया कि जिले में कई वर्षों से ऐसे लोग भी खाद्य सुरक्षा के लाभ ले रहे थे, जो अब आर्थिक रूप से सक्षम हो गए हैं। योजना का उद्देश्य कमजोर वर्ग को सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है, ऐसे में अपात्र लोग सिस्टम पर बोझ बनते हैं और वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को बाधित करते हैं। इसी वजह से राज्य सरकार ने गिव-अप अभियान में तेजी लाई है और जिला स्तर पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है।

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