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9 साल से लोहे की जंजीरों से बंधी है जिंदगी:दो बेटियों को अकेले पढ़ा रही पत्नी, मजदूरी से चलता है घर


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9 साल से लोहे की जंजीरों से बंधी है जिंदगी:दो बेटियों को अकेले पढ़ा रही पत्नी, मजदूरी से चलता है घर

9 साल से लोहे की जंजीरों से बंधी है जिंदगी:दो बेटियों को अकेले पढ़ा रही पत्नी, मजदूरी से चलता है घर

सूरजगढ़ : सूरजगढ़ तहसील के गांव जाखोद में पिछले 9 साल से जोकर नाम का शख्स लोहे की बेड़ियों में कैद है। मानसिक संतुलन खोने से परिवार छोटे कमरे में बेड़ियों में बांधकर रखता है। पत्नी नरेश देवी बताती है कि मजबूरी में ऐसा करना पड़ रहा है। क्योंकि अगर वो खुला छोड़ती है तो खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचाता है।

कुओं की खुदाई के दौरान खो दिया मानसिक संतुलन

पत्नी ने बताया कि जोकर कभी कुओं की खुदाई का काम करता था। इसी काम से परिवार का गुजरा भी चलता था। करीब 9 साल पहले गांव से दूर किसी जगह पर कुआं खोदने गया था, वहीं पर कुआं खोदते वक्त उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। पत्नी नरेश देवी ने कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। धीरे-धीरे उसकी हालत और गंभीर होती गई। वह अचानक लोगों पर पत्थर फेंकने लगा और घर से लापता होने की घटनाएं बढ़ गईं

घर से लापता हो गया था

पत्नी ने बताया कि एक बार जोकर घर से लापता हो गया था। अखबार में खबर छापने के बाद मुकुंदगढ़ थाने में मिला। उस दिन के बाद से परिवार ने सुरक्षा और आसपास के लोगों की सुरक्षा के लिए उसे बेड़ियों से बांध दिया।

कच्चे कमरे में बीत रही जिंदगी

जोकर आज भी कच्चे कमरे में लोहे की जंजीरों में बंधा हुआ है, जहां उसे खाना और पानी दिया जाता है। उसकी पत्नी नरेश देवी पिछले 9 साल से मजदूरी करके दो बेटियों की पढ़ाई और घर का खर्च चला रही है।

दो बेटियों को पढ़ा रही मां

नरेश देवी ने बताया कि उनकी दो बेटियां सोनम और शर्मीला की शादी हो चुकी है, जबकि नीतू कक्षा 10वीं और ऋषिका कक्षा 3 में गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रही हैं। परिवार की हालत दयनीय है और अब तक किसी भी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिली है।

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