श्रीमाधोपुर कृषि उपज मंडी में चौथे दिन भी हड़ताल जारी, दो करोड़ का व्यापार प्रभावित
श्रीमाधोपुर कृषि उपज मंडी में चौथे दिन भी हड़ताल जारी, दो करोड़ का व्यापार प्रभावित

श्रीमाधोपुर : सीकर के श्रीमाधोपुर शहर की कृषि उपज मंड़ी में व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। व्यापारियों ने यह हड़ताल पल्लेदारों द्वारा कृषि जिंसों की तुलाई और लोडिंग में कथित मनमानी के विरोध में की है। तो आज माकपा तथा अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों एवं पल्लेदारों ने करीब मंड़ी परिसर में दो घंटे की बैठक आयोजित कर जमकर नारेबाजी की और विरोध जताया।
श्रीमाधोपुर कृषि मंड़ी परिसर में सभी माकपा पदाधिकारियों एवं पल्लेदारों ने मंड़ी मांगो को लेकर मण्डी सचिव का कार्यालय का घेराव कर 13 सूत्रीए मांगों का मांग पत्र सचिव को सौंपा। जिसमें मुख्य मांगें किसानों के माल को रखने के लिए बने रैंप को खाली करवाने,मजदूरों के रहने व ठहरने की व्यवस्था करने,किसानों का रेस्ट हाऊस खाली करवाने,मजदूरी का समय सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक सुनिश्चित करने सहित 13 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र सौंपा गया। वहीं मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेंद्र का कहना है कि उनकी मांगों पर यदि व्यापारियों के मध्य सहमति नहीं बनती है तो हड़ताल जारी रहेगी।
मंड़ी सचिव ने सभी मागों पर सहमति देते हुए जल्द ही समस्या का समाधान करवाने की बात कही। और हड़ताल खत्म करने को कहा और मंडी में काम सुचारू रखने की अपील की।मंड़ी सचिव ने कहा कि दो दिन में व्यापारियों व मजदूरों के मध्य आपसी बातचीत करवाकर समस्या का हल निकलवाया जायेगा। मूंगफली के सीजन में प्रतिदिन लगभग 3200 क्विंटल मूंगफली और अन्य जिंस मंडी में आती हैं, जिससे रोजाना 2 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो रहा है। साथ ही, मंडी टैक्स और जीएसटी के रूप में सरकारी राजस्व को प्रतिदिन लगभग 10 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
वही कृषि मंडी व्यापार मण्डल का कहना है कि व्यापारियों एवं पल्लेदारों के मध्य केवल कृषि जिंसों की तुलाई और लोडिंग करने के समय को लेकर हल्का विवाद था और कोई विवाद नहीं हैं। मंड़ी में अनावश्यक रूप से राजनीतिक कर लोग इसको राजनीति का रूप देना चाहते हैं। जो गलत हैं। – शीशराम चौधरी-मंड़ी सचिव
श्रीमाधोपुर कृषि मंडी में गतिरोध बरकरार है जिससे किसानों को नुकसान तो हो ही रहा है। हड़ताल से किसी को फायदा नहीं हो रहा है। ऐसे में उच्च अधिकारियों को हस्तक्षेप कर जल्द हड़ताल खत्म करवानी चाहिए। – प्रकाशचंद जैन वर्ग व्यापार संघ मंत्री