रामपुरा गांव में सांड का आतंक:दो दिन में कई ग्रामीण घायल, दो गायों की मौत
रामपुरा गांव में सांड का आतंक:दो दिन में कई ग्रामीण घायल, दो गायों की मौत

मलसीसर : जिले के मलसीसर थाना क्षेत्र के रामपुरा गांव में एक आवारा सांड का आतंक लोगों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। पिछले दो दिनों में इस आक्रामक सांड ने कई ग्रामीणों पर हमला किया है, जिसमें दो गायों की मौत हो गई, एक घोड़ी घायल हो गई और एक बुजुर्ग महिला सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे उनमें भारी गुस्सा है।
स्कूल के पास हुआ हमला, बच्चों की सुरक्षा पर खतरा
सांड के हमले की घटनाओं ने ग्रामीणों को सबसे ज्यादा चिंतित कर दिया है क्योंकि यह हमले गांव के सरकारी स्कूल के पास हुए हैं। रोजाना 100 से अधिक बच्चे इस स्कूल में पढ़ने आते हैं। सांड की आक्रामकता को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत डरे हुए हैं।

महिला गंभीर रूप से घायल, जयपुर रेफर
बीते दिनों, 40 वर्षीय मेना कंवर अपने पोते-पोती को स्कूल छोड़ने जा रही थीं, तभी अचानक पीछे से आए सांड ने उन पर हमला कर दिया।इस हमले में वह बेहोश हो गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया है।इसी तरह, गांव के एक मजदूर धर्मपाल भी सांड के हमले का शिकार हुए। वे मजदूरी करके घर लौट रहे थे जब सांड ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उनके पैर में चोट आई है।
ग्रामीणों ने खुद सांड को बांधा, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस सांड ने केवल इंसानों पर ही नहीं, बल्कि पशुओं पर भी हमला किया है। ग्रामीणों के अनुसार, दो दिनों में इस सांड ने दो गायों को मार डाला है और एक घोड़ी को भी बुरी तरह घायल कर दिया है। इस कारण पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।प्रशासन की ओर से कोई मदद न मिलने पर शुक्रवार को ग्रामीण गांव के चौक में इकट्ठा हुए और इस आतंक के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सांड को काबू करके गांव के एक पेड़ से बांध दिया, लेकिन उनका कहना है कि प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।

गांव के सरपंच धर्मपाल ने बताया, “सांड को पकड़ने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। हम बार-बार अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस लापरवाही से पूरे गांव में दहशत का माहौल है।” ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।