वन विभाग ने लकड़ियों से भरी पिकअप पकड़ी:दो तस्करों को किया गिरफ्तार, नहीं मिले डॉक्युमेंट्स और परमिट
वन विभाग ने लकड़ियों से भरी पिकअप पकड़ी:दो तस्करों को किया गिरफ्तार, नहीं मिले डॉक्युमेंट्स और परमिट

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में वन विभाग ने एक बार फिर लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की है। विभाग की टीम ने अवैध रूप से लकड़ी ले जा रही पिकअप पकड़ी है। दो आरोपियों को भी मौके से गिरफ्तार किया गया है।
कार्रवाई जिले के इंडाली बाइपास क्षेत्र में की गई, जहां मुखबिर से सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए पिकअप वाहन को रोका और उसके भीतर भरी भारी मात्रा में अवैध लकड़ी बरामद की।
नहीं मिले डॉक्युमेंट्स और परमिट
रेंजर विजय फगेड़िया ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर अवैध लकड़ी भरकर एक पिकअप के जरिए झुंझुनूं शहर की तरफ ले जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर उन्होंने इंडाली बाइपास के पास नाकाबंदी करवाई और संदिग्ध पिकअप वाहन को रोककर तलाशी ली। वाहन के भीतर बड़ी मात्रा में लकड़ी के टुकड़े पाए गए, जिन्हें बिना किसी वैध परमिट या कागजात के ले जाया जा रहा था।
लकड़ी की किस्म की हो रही जांच
रेंजर फगेड़िया ने बताया कि पिकअप में भरी लकड़ी की किस्म और मात्रा का मूल्यांकन किया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर यह कीमती पेड़ों की लकड़ी लग रही है।, जिसे बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि यह तस्करी का एक संगठित प्रयास हो सकता है, और पूछताछ के बाद इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिल सकती है।
दोनों तस्कर झुंझुनूं जिले के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है और यह जानकारी जुटाई जा रही है कि ये लकड़ी कहां से लाए थे, और इसे कहां ले जाया जा रहा था। दोनों आरोपियों के खिलाफ राजस्थान वन अधिनियम 1953 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
ये रहे टीम में शामिल
इस कार्रवाई में वनपाल सत्यवीर झाझड़िया, सहायक वनपाल दिनेश कुमार और वनरक्षक भरत कुमार की भूमिका रही। वन विभाग की टीम ने न केवल वाहन को जब्त किया बल्कि उसमें भरी लकड़ी को भी अपने कब्जे में लिया, जिसे अब वन विभाग कार्यालय परिसर में रखा गया है।
नीम, शीशम व खेजड़ी के पेड़ों की तस्करी
गौरतलब है कि झुंझुनूं जिले के कई इलाकों में नीम, शीशम और खेजड़ी जैसे पेड़ों की तस्करी की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। हालांकि विभाग की सख्ती के चलते अब इनमें कमी आई है, लेकिन फिर भी कुछ संगठित गिरोह अभी भी इस अवैध धंधे में सक्रिय हैं। ऐसे में विभाग की यह कार्रवाई उन तस्करों के लिए एक बड़ा संदेश मानी जा रही है।