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झुंझुनूं में 21 हजार से अधिक पशु बीमा से वंचित:मंगला पशु बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार धीमी पड़ी, 31 जुलाई है लास्ट डेट


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झुंझुनूं में 21 हजार से अधिक पशु बीमा से वंचित:मंगला पशु बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार धीमी पड़ी, 31 जुलाई है लास्ट डेट

झुंझुनूं में 21 हजार से अधिक पशु बीमा से वंचित:मंगला पशु बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार धीमी पड़ी, 31 जुलाई है लास्ट डेट

झुंझुनूं : मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना को लागू हुए पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन झुंझुनूं जिले में इसकी प्रगति बेहद धीमी है। पशुपालन विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण हजारों पशुपालकों को अब तक इस महत्वाकांक्षी योजना का सीधा लाभ नहीं मिल पाया है। पंजीकरण से लेकर हेल्थ सर्टिफिकेट जारी करने और बीमा पॉलिसी सक्रिय होने तक की तीन स्तरीय प्रक्रिया में हो रही देरी ने योजना की रफ्तार धीमी कर दी है।

जानकारी के अनुसार- जिले में कुल 46,887 पंजीकृत दुधारू पशुओं में से अब तक केवल 25,138 पशुओं का ही बीमा हो पाया है, जो कि कुल पंजीकरण का लगभग 53.61% है। वहीं, 35,169 पशुओं के ही हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किए जा सके हैं, जिसका अर्थ है कि लगभग 74.91% पशुओं के ही स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र बन पाए हैं।

योजना के लाभ से वंचित हो रहे पशुपालक

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत प्रत्येक जन आधार कार्डधारी परिवार को दो दुधारू पशु, दस बकरी, दस भेड़ और एक ऊंट का निशुल्क बीमा प्रदान किया जाना है। दुधारू पशु की मृत्यु की स्थिति में अधिकतम 40 हजार रुपए की बीमा राशि का प्रावधान है।

हालांकि, बीमा के लिए पशु का पंजीकरण, पशु चिकित्सक द्वारा हेल्थ सर्टिफिकेट और बीमा कंपनी द्वारा सर्वे के बाद पॉलिसी जारी होने की तीन चरण की प्रक्रिया निर्धारित है।

इसी प्रक्रिया की धीमी गति के कारण आधे से अधिक पंजीकृत पशु अब भी बीमा सुरक्षा से बाहर हैं। कई पशुपालक बीमा पंजीकरण को ही योजना का लाभ मिलना मान बैठे, लेकिन वास्तविक लाभ तभी मिलता है जब पशु का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र बन जाए और बीमा पॉलिसी सक्रिय हो।

झुंझुनूं जिले में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां बीमा प्रक्रिया लंबित रहने के कारण पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ा। कुछ पशुओं की मृत्यु योजना अवधि के दौरान ही हो गई, लेकिन समय पर हेल्थ सर्टिफिकेट या बीमा पॉलिसी जारी न होने के कारण उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला।

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेश सुरा ने बताया कि झुंझुनूं जिले में अब तक 46,887 पशुओं का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 35,169 के हेल्थ सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। बीमा कंपनी ने अब तक 25,138 पशुओं का बीमा किया है। योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, इससे पहले सभी लंबित कार्य पूरे करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

झुंझुनूं में 21 हजार से अधिक पशु बीमा से वंचित

पशुपालन विभाग, झुंझुनूं के आंकड़ों के अनुसार, कुल 46,887 पशुओं का पंजीकरण हुआ है। इनमें से 35,169 के हेल्थ सर्टिफिकेट बने हैं, लेकिन बीमा कंपनियों ने अभी तक केवल 25,138 पॉलिसियां ही जारी की हैं। इसका मतलब है कि 21,749 पशु अब भी बीमा सुरक्षा से बाहर हैं, जबकि योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। विभागीय आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 9,353 पशु तकनीकी या पात्रता संबंधी कारणों से बीमा श्रेणी से बाहर पाए गए। शेष लगभग 12,000 पात्र पशु भी फिलहाल बीमा कवरेज से बाहर हैं।

ब्लॉक स्तर पर भी धीमी प्रगति, सिंघाना में हालात चिंताजनक

योजना की धीमी प्रगति का अंदाजा सिंघाना ब्लॉक के आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है। यहां 1,904 पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट जारी हुए, लेकिन बीमा पॉलिसी केवल 678 पशुओं की ही बन सकी है। यानी सिंघाना में दो-तिहाई से अधिक पशु योजना के लाभ से वंचित हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मंडावा, खेतड़ी और सिंघाना क्षेत्रों में दस्तावेजों की जांच, पशु की भौतिक उपस्थिति और सत्यापन में आ रही तकनीकी बाधाएं हेल्थ सर्टिफिकेट और पॉलिसी जारी करने में देरी का प्रमुख कारण हैं।

योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई नजदीक आने के साथ ही विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लंबित बीमा पॉलिसियों को इस कम समय में पूरा करना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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