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झुंझुनूं में परिवहन अधिकारी के पक्ष में उतरा समाज:पूर्व मंत्री गुढ़ा पर DTO को अपमानित करने का आरोप लगाया; बोले- गालियां भी दीं


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झुंझुनूं में परिवहन अधिकारी के पक्ष में उतरा समाज:पूर्व मंत्री गुढ़ा पर DTO को अपमानित करने का आरोप लगाया; बोले- गालियां भी दीं

झुंझुनूं में परिवहन अधिकारी के पक्ष में उतरा समाज:पूर्व मंत्री गुढ़ा पर DTO को अपमानित करने का आरोप लगाया; बोले- गालियां भी दीं

झुंझुनूं : जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) मक्खन लाल जांगिड़ को पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा द्वारा कथित तौर पर धमकाने, गाली देने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के विरोध में आज जांगिड़ समाज एकजुट हो गया। अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष राजेश जांगिड़ के नेतृत्व में समाज के सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पूर्व मंत्री गुढ़ा के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। इसी क्रम में समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को भी एक ज्ञापन देकर डीटीओ जांगिड़ को सुरक्षा प्रदान करने और मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की।

कार्रवाई से नाराज नेताओं ने किया विरोध

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि डीटीओ मक्खन लाल जांगिड़ मुख्यालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जिले में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रहे थे, जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त हो रहा था। लेकिन इस कार्रवाई से नाराज कुछ वाहन मालिक और स्थानीय राजनेताओं ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। आरोप है कि इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने किया, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से डीटीओ मक्खन लाल जांगिड़ को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गालियां दीं, जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और गंभीर धमकियां दीं।

‘पूरे समाज का अपमान’

जांगिड़ समाज ने पूर्व मंत्री गुढ़ा के इस व्यवहार को न केवल एक ईमानदार सरकारी अधिकारी का अपमान बताया, बल्कि इसे पूरे समाज के लिए अपमानजनक करार दिया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने गुढ़ा पर लगातार अधिकारियों को धमकाने और अपमानित करने का आरोप लगाया। अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील सिंघड़ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजेंद्र गुढ़ा के खिलाफ वर्ष 2023 तक ही 26 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद भी कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने गुढ़ा को उदयपुरवाटी का हिस्ट्रीशीटर बताते हुए कहा कि यदि ऐसी हरकतें किसी आम नागरिक ने की होतीं, तो उसे अब तक जेल में डाल दिया गया होता। सिंघड़ ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार और प्रशासन ऐसे लोगों को क्यों संरक्षण दे रहा है।

प्रशासनिक तंत्र पर पड़ेगा बुरा असर

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को इस प्रकार डराया और धमकाया जाएगा, तो इसका सीधा और नकारात्मक प्रभाव पूरे प्रशासनिक तंत्र पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल संबंधित अधिकारी का मनोबल तोड़ेगी, बल्कि सरकार के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। समाज ने राज्य सरकार से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने और राजेंद्र गुढ़ा के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की, ताकि भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि या व्यक्ति कानून से ऊपर उठने की कोशिश न करें।

कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि समय रहते इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो जांगिड़ समाज को मजबूर होकर एक बड़ा आंदोलन शुरू करना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

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