एसएफआई का 27वां जिला सम्मेलन झुंझुनू में संपन्न
आशीष पचार को जिला अध्यक्ष और प्रिया चौधरी को जिला महासचिव चुना गया।

झुंझुनूं : छात्र संगठन सफी का 27वां जिला सम्मेलन अंबेडकर भवन में धूमधाम से संपन्न हुआ। सम्मेलन में प्रमुख नेताओं ने शिरकत की और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। जिला महासचिव प्रिया चौधरी ने सम्मेलन की शुरुआत की और आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
प्रदेश अध्यक्ष सौरभ जानू ने उद्घाटन भाषण में कहा, “SFI का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है, लेकिन वर्तमान सरकार युवाओं को धार्मिक सोच में बांधने की कोशिश कर रही है।” इस दौरान, एसएफआई के पूर्व प्रदेश महासचिव कामरेड फूलचंद बर्बर ने बेरोजगारी को सबसे बड़ी चिंता का विषय बताते हुए युवाओं को शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर संघर्ष करने की बात की।
किसान नेता राजेश बिजानिया ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार आजकल धर्म और जाति के नाम पर युवाओं को लड़ाने का काम कर रही है, जबकि आजादी के बाद भी देश के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। किसान नेता सुमेर बुडानिया और अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव मदन यादव ने भी अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में, पूर्व जिला महासचिव आशीष पचार ने संगठन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद, मुख्य अतिथि एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने सरकार की छात्र विरोधी नीतियों पर चर्चा की और संगठन के मूल सिद्धांतों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एसएफआई ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो छात्र हितों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है।
एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर, राज्य कमेटी सदस्य चुकी नायक और पूर्व जिला अध्यक्ष अनीश धायल ने भी अपने विचार रखे। सम्मेलन के दूसरे चरण में जिले की प्रभारी सचिन चोपड़ा ने 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसमें आशीष पचार को जिला अध्यक्ष और प्रिया चौधरी को जिला महासचिव चुना गया।
इसके अलावा, साहिल कुरैशी, विकाश जेदिया, निकिता शर्मा और कपिल चोपड़ा को उपाध्यक्ष, मोहित टंडन, टुनटुन खत्री, आदिल भाटी और शक्ति यादव को संयुक्त सचिव और शोएब खान को सोशल मीडिया प्रभारी चुना गया। पूजा नायक, नवनीत मीणा, अमित शेखावत, विक्रम सिंह, साहिल जेदिया, पूजा, सुनीता कुमारी, कर्मवीर गुर्जर, जितेंद्र कुमावत, हंसा, मनीषा सैन और पूर्व जिला अध्यक्ष अनीश धायल को स्थाई सदस्य बनाया गया।
यह सम्मेलन संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ और इसने आगामी दिनों में संगठन की सक्रियता और संघर्ष को और भी प्रगति की दिशा में मार्गदर्शन किया।