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खेतड़ी : खेतड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन:शीतलहर को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग, कहा-बिजली की ट्रिंपिंग से नहीं हो पा रही सिचाई


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खेतड़ी : खेतड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन:शीतलहर को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग, कहा-बिजली की ट्रिंपिंग से नहीं हो पा रही सिचाई

खेतड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन:शीतलहर को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग, कहा-बिजली की ट्रिंपिंग से नहीं हो पा रही सिचाई

खेतड़ी : खेतड़ी में पिछले कुछ दिनों में बर्फ जम जाने के कारण नष्ट हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को एसडीएम को ज्ञापन दिया है। इस दौरान किसानों ने मौके पर पटवारी को भेजकर गिरदावरी रिपोर्ट करवाने की मांग की है। एसडीएम जय सिंह को भारतीय किसान मजदूर संघ के जिला उपाध्यक्ष इंद्राज सिंह चारावास के नेतृत्व में दिए ज्ञापन में बताया कि पाले की वजह से फसलों में 40% नुकसान का आकलन किया जा रहा है, लेकिन किसान की फसल 90% तक खराब हो चुकी है।

खेतड़ी क्षेत्र में पानी की कमी की वजह से अधिकांश खेती सरसों की की जा रही है। किसान फसल में शत-प्रतिशत नुकसान की वजह से खड़ी फसलों में हल चलाने को मजबूर हो रहे हैं। राजस्व विभाग की गिरदावरी का हाल भी कृषि विभाग के आकलन जैसा नहीं हो, इसके लिए गिरदावरी रिपोर्ट सही तरीके से बनवाई जाए और पटवारी को मौके पर भेजकर गिरदावरी की रिपोर्ट करवाई जाने की मांग की गई।

इस दौरान उन्होंने किसानों को नष्ट हुई फसल का पचास हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने, प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना में बीमित किसानों को बीमा क्लेम दिलवाने और किसानों को दी जा रही बिजली में बार-बार हो रही ट्रिपिंग को बंद करने की मांग भी की। बिजली सप्लाई मे ट्रिपिंग होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। आए दिन हो रही बिजली की कटौती से किसान काफी परेशान हो रहा है।

वहीं किसानों ने शीतलहर प्रकोप को प्राकृतिक आपदा घोषित करने, ईलाखर बांध के पास हो रहे खनन को बंद करवाने की मांग की। किसानों ने बताया कि गिरदावरी में गड़बड़ होने से किसानों को सही मुआवजा नहीं मिल पाएगा। बाजरे की फसल भी बरसात के कारण नष्ट हो गई थी, जिसे किसान दोहरी मार झेल रहा है। इस दौरान किसानों ने उपखंड कार्यालय के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध भी जताया। इस मौके पर रोहिताश, महिपाल सिंह, सुभाष, मोहर सिंह, रोहिताश काजला, रामवतार सिंह, फूलचंद, हरफूल सिंह, हंसराम, अमर सिंह, लक्ष्मीचंद, सुभाष चाहर, रिसाल सिंह सहित अनेक किसान मौजूद थे।

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