जयपुर : गहलोत सरकार ने 11.68 लाख पेंशनर कर्मचारियों की 30 दवाएं की बंद, अधिकारी बोले- अब तक गलती से दी
Rajasthan: गहलोत सरकार ने 11.68 लाख पेंशनर कर्मचारियों की 30 दवाएं की बंद, अधिकारी बोले- अब तक गलती से दी न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Sat, 21 Jan 2023 10:37 AM IST सार लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें जयपुर राजस्थान सरकार ने 11 लाख 68 हज़ार पेंशनर और कर्मचारियों की हार्ट, बीपी समेत 30 फ्री दवाइयां बंद कर दी हैं। सरकार ने आरजीएचएस लाभार्थियों को बड़ा झटका दिया है।

जयपुर : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में रजिस्टर्ड 11 लाख 68 हजार कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। कर्मचारी और पेंशनर्स लाभार्थियों को मिलने वाली- हार्ट, बीपी, हड्डी, विटामिन-डी, कफ सिरप, ईसबगोल, टूथपेस्ट, डाइजेस्टिव सिरप, डैंड्रफ सॉल्यूशन, नींद की गोलियां, विटामिन-D3, विटामिन- ए, हिमोग्लोबिन, विटामिन B-12 समेत 30 जरूरी दवाइयां बंद कर दी गई हैं।
सरकार दवाओं का पुनर्भरण का पैसा नहीं देगी
अब राज्य सरकार इन दवाओं का पुनर्भरण नहीं करेगी। अब तक ये दवाइयां खरीदने पर RGHS स्कीम के तहत बिल पेश करने पर सरकार पैसा देती थी। लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि गलती से यह दवाइयां अब तक दी जाती रही हैं। नियमों के तहत अब इन्हें बंद कर दिया गया है।
सबसे ज्यादा जरूरी दवाओं को बंद किया
राजस्थान पेंशनर मंच के प्रदेश मुख्य महासचिव विष्णु शर्मा ने कहा- सबसे ज्यादा जरूरी दवाओं को बंद किया गया है। सरकार के अधिकारी ही हेल्थ स्कीम को बंद करने में लगे हैं। जिन कर्मचारियों ने जीवन सरकारी सेवा में निकाल दिया, बुढ़ापे में उनकी और बुजुर्ग पेंशनर्स की ज़रूरी दवाइयों को सरकार ने बंद कर दिया है। यह दुख और अफसोस की बात है।
आउटडोर मरीजों को डॉक्टर सिर्फ विभाग से मिलने वाली दवा और जांच ही लिखेंगे
आरजीएचएस की परियोजना निदेशक के आदेश के मुताबिक आउटडोर मरीजों को डॉक्टर सिर्फ विभाग से मिलने वाली दवा और जांच ही लिखेंगे। आरजीएचएस के तहत कुल 11 लाख 68 हज़ार 506 कर्मचारी-पेंशनर रजिस्टर्ड हैं। करीब 90 लाख रुपए महीने का इनका क्लेम सरकार से पास होता है।
अब यह दवाएं लाभार्थियों को खरीदनी होंगी
आरजीएचएस की प्रोजेक्ट डायरेक्टर शिप्रा विक्रम ने कहा-” सिविल सर्विस मेडिकल अटेंडेंस रूल्स के तहत यह दवाईयां बंद की गई हैं। अब यह दवाएं लाभार्थियों को खरीदनी होंगी। हम पहले गलती से यह दवाइयां दे रहे थे। अब आदेश वापस लिए गए हैं।”