डोटासरा बोले-कांग्रेस में पदों पर बैठे निष्क्रिय लोगों को हटाएंगे:RSS के कंधे पर बैठकर सत्ता में आई भाजपा, अब भागवत की बात नहीं मान रही
डोटासरा बोले-कांग्रेस में पदों पर बैठे निष्क्रिय लोगों को हटाएंगे:RSS के कंधे पर बैठकर सत्ता में आई भाजपा, अब भागवत की बात नहीं मान रही

सीकर : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उपचुनाव में हार के बाद साफ कर दिया कि पार्टी में बूथ लेवल से ही परिवर्तन देखने को मिलेगा। पार्टी में पदों पर बैठे निष्क्रिय लोगों की जगह दूसरों को मौका दिया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डोटासरा सोमवार को सीकर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- जिस आरएसएस के कंधे पर बैठकर भाजपा सत्ता में आई, उसी संगठन के प्रमुख मोहन भागवत की बात नहीं मान रहे।
मोहन भागवत ने यह कहा था कि राम मंदिर के अलावा रोजाना मस्जिदों में शिवलिंग ढूंढने की बातें कर रहे हैं, यह बहुत गलत है। हर धर्म का सम्मान करना चाहिए। यह चीजें देश में अराजकता फैलाने वाली है। उनकी बात को भी बीजेपी नहीं मान रही है।

डोटासरा बोले- जल्द परिवर्तन देखने को मिलेगा
संगठन में बदलाव की बात पर डोटासरा ने कहा- मंडल और ब्लॉक लेवल पर हमारे जो पद खाली है, उन्हें भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।चाहे बूथ अध्यक्ष हो या उनके कार्यकारिणी बनाने की बात हो, इन सभी के लिए प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही परिवर्तन देखने को मिलेगा।
बीजेपी और सरकार में कुछ अच्छा नहीं चल रहा
डोटासरा ने कहा- भाजपा और सरकार में अच्छा नहीं चल रहा है। 30 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक थी, उसमें भी किरोड़ीलाल मीणा नहीं पहुंचे। भाजपा को जवाब देना चाहिए, क्योंकि वह कांग्रेस के साथ नहीं, बल्कि जनता के साथ धोखा कर रही है। संविधान की शपथ के मुताबिक सरकार काम नहीं कर पा रही है। सरकार की जवाबदारी है कि वह जनता को बताए हमारे मंत्री-संतरी काम नहीं कर पा रहे हैं।
निकाय-पंचायत चुनाव पर बोले- ब्यूरोक्रेसी से सरकार चलाना चाहते हैं
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा- सरकार का 1 साल पूरा होने जा रहा है। 1 साल में जनप्रतिनिधियों और जनता के कामों की उपेक्षा हुई है। सभी को पता था कि नवंबर महीने में 59 के लगभग निकायों के चुनाव होने थे। चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनाना,आरक्षण की व्यवस्था करना सहित तमाम काम करने थे, लेकिन वह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, क्योंकि उनकी मंशा ठीक नहीं थी। अब 17 जनवरी को पंचायतीराज के प्रथम फेज के चुनाव का समय आ चुका है, लेकिन उसके लिए भी कोई काम नहीं हुआ है।
इसका मायना साफ है कि यह प्रशासक लगाकर जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को वंचित करना चाहते हैं। यह ब्यूरोक्रेसी से सरकार चलाना चाहते हैं, यही गुजरात मॉडल है। केंद्र से जो पैसे आ गया, वह ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के खातों में डाल नहीं रहे हैं। हजारों-करोड़ों रुपए इन्होंने दूसरे कामों में खर्च कर दिए। यह पंचायतीराज और नगरीय निकाय को कमजोर करना चाहते हैं, यह जनप्रतिनिधियों का अपमान है। यह सरकार चला कौन रहा है, अभी तक यही नहीं पता।
वन स्टेट-वन इलेक्शन और धर्मांतरण कानून को लेकर भी साधा निशाना
डोटासरा ने वन स्टेट-वन इलेक्शन और धर्मांतरण कानून को लेकर भी निशाना साधा। बोले- वन स्टेट-वन इलेक्शन की बात कर रहे हैं, लेकिन कानून में आज तक कोई संशोधन नहीं। पंचायतीराज का कानून है कि हर हाल में 6 महीने में चुनाव करवाने पड़ेंगे। डोटासरा ने कहा कि कोरोना के दौरान हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था, हमें सुप्रीम कोर्ट ने परमिशन दी थी, लेकिन ये लोग तो कोर्ट में भी नहीं जा रहे हैं।
धर्मांतरण बिल पास नहीं होगा
धर्मांतरण बिल पर बोलते डोटासरा ने कहा- यह बिल पास नहीं होगा। हर चीज के लिए कानून पहले से मौजूद है। संविधान में व्यवस्था है और पहले से कानून भी है। वह नहीं करके केवल जनता का मुद्दों से ध्यान डायवर्ट करने के लिए ऐसी चीजें लेकर आते हैं। जब वसुंधरा सरकार थी तो वह भी बिल लेकर आई थी,उसका क्या हश्र हुआ? अब दोबारा उस मुद्दे को पुनर्जीवित करके हिंदू-मुस्लिम करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जब विधानसभा में वह चीज आएगी तो वहां हम अपनी बात रखेंगे।

डोटासरा के इस बयान पर खर्रा ने कहा- सभी को अभिव्यक्ति की आजादी
इधर, यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने डोटासरा के भागवत पर दिए बयान पर पलटवार किया है। खर्रा सोमवार को संघ कार्यालय पहुंचे थे। यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- अभिव्यक्ति की आजादी का सबको अधिकार है। मोहन भागवत सार्वजनिक रूप से कुछ बातें कहते हैं और कुछ संगठन के स्तर पर बातें होती हैं। सार्वजनिक वक्तव्य स्वयंसेवकों और देश की जनता में जागृति पैदा करने के लिए होता है। संगठन के स्तर पर बैठकर चर्चा-परिचर्चा में कोई बात होती है, वह लागू करने के लिए होती है।
जब तक जनता के बीच आपकी बातों को समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक आपकी बातों का कोई अर्थ नहीं है। मोहन भागवत ने जो बातें कही है, उनकी जनता के बीच चर्चा-परिचर्चा हो, उन पर बहस हो और फिर लोगों की उस पर सहमति बने। जब लोगों को उसका समर्थन मिलेगा तो पार्टी स्तर पर उस बात को लागू करेंगे, यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार के स्तर पर भी उस पर कार्रवाई होगी।

धर्मांतरण बिल पर बोले UDH मंत्री, पहले कई हत्याएं की गई
धर्मांतरण बिल पर बोलते हुए मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह का वातावरण बना है। लालच और लव जिहाद के माध्यम से धर्मांतरण के जो कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके बाद उनकी नृशंस हत्याएं की गई। वह बहुत दुखद वातावरण है। इन सभी से निपटने के लिए धर्मांतरण विरोधी बिल राजस्थान में लाया जा रहा है। मंत्रिमंडल में अनुमोदन हुआ है। अब जब फरवरी में विधानसभा सत्र आएगा तो उसमें बिल प्रस्तुत किया जाएगा। खर्रा ने कहा कि पूर्व में इस बिल की स्वीकृति नहीं मिल पाई थी, इसलिए वह लागू नहीं हो पाया।